आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की सबसे ज्यादा त्रासदी झेलने वाला आगरा शुक्रवार को एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार आगरा प्रशासन के मुखिया प्रभु एन सिंह की ओर से दिए गए संवेदनहीन बयान के चलते लोग डीएम आगरा को तो खरी-खोटी सुना ही रहे हैं, वहीं विपक्ष ने ट्रॉली बैग पर सो रहे मासूम को लेकर दिए गए संवदेनहीन बयान को लेकर योगी सरकार पर भी सवाल उठाएं हैं।
कांग्रेस ने जहां प्रभु एन सिंह के बयान को संवेदनहीन बताते हुए इसे आगरा के मोहल्लों में कोरोना वायरस को फैलाने तक का जिम्मेदार बता दिया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने डीएम के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए प्रभु एन सिंह पर कार्रवाई कि मांग की है। वहीं डीएम आगरा के बयान का वीडिया भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा। जिसमें डीएम के बयान को लेकर लोग सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहें हैं।
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बताया जा रहा है कि साधन नहीं मिलने पर पंजाब से कुछ प्रवासी मजदूर पैदल ही उत्तर प्रदेश के महोबा जाने के लिए निकले थे। इनके साथ महिलाएं और मासूम बच्चे भी थे। बीते बुधवार को जब प्रवासी मजदूरों की टुकड़ी आगरा पहुंची तो लोगों ने देखा कि ठीक से चलने में असमर्थ होने के बाद भी महिला भारी भरकम ट्रॉली बैग को सड़क पर खीचते हुए जा रही थी। उस बैग पर करीब सात साल का उसका बेटा निढाल होकर सोने की अवस्था में पड़ा था। यह मार्मिक दृश्य देख लोगों ने इसका वीडियो बना लिया जो कुछ ही देर में वायरल हो गया।
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वहीं गुरुवार को आगरा के डीएम प्रभु एन सिंह ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए इस मजबूरी, ममता व बेबसी भरे मार्मिक वीडियो की तुलना अपने बचपन के खेल से कर दी। उन्होंने इस घटना के साधारण होने की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम लोग भी जब छोटे थे और हम लोगों को जब पिताजी लेकर जाते थे तो हम लोग भी उस अटैची पर बैठ जाया करते थे।
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डीएम के इसी बयान का शुक्रवार को वीडियो वायरल होने पर हंगामा मच गया है। लोगों का कहना है कि आगरा में वुहान जैसी स्थिति है, कभी मेयर आगरा को बचाने की गुहार लगा रहें तो कभी क्वारेंटाइन सेंटर में इंसानों को बंदकर जानवरों की तरह पानी व बिस्कुट देने का दर्दनाक मंजर सामने आ रहा, लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी जिलाधिकारी की कुर्सी पर बैठे प्रभु एन सिंह को जनता का दर्द, उनकी मजबूरी व लाचारी और अपने बचपन के खेल में कोई फर्क नहीं नजर आ रहा तो आगरा का ऊपर वाला ही मालिक है।
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वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आज मासूम की ट्रॉली बैग पर औंधे मुंह पड़ी हुई तस्वीर को ट्विट करते हुए कहा है कि “इस घटना पर आगरा डीएम का कहना है कि वो भी बचपन में ऐसे जाते थे। इसी संवेदनहीनता के कारण आगरा के हर मोहल्ले तक कोरोना अपना पैर पसार चुका है। प्रदेश अध्यक्ष ने आगरा प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि लोग रोते हुए अपनी व्यथा बता रहे हैं, लेकिन कोई खबर लेने वाला नही है। आगरा की यही सच्चाई है, लेकिन अधिकारी सत्ता की चापलूसी में व्यस्त है।”
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दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने अपनी आधिकारिक ट्विटर अकाऊंट से ट्विट कर कहा कि “पहले तो अपने कुशासन और कुव्यवस्था से जीते-जागते शहर आगरा को कोरोना की पहचान बना दिया। सपा ने डीएम पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि आप यही नहीं रुके अहंकारी सरकार के नौकरशाह ने एक बेबस मां की लाचारी का भी मजाक उड़ा दिया। असंवेदनशील बयान पर सख्त कार्रवाई हो।
प्रभु एन सिंह के चलते पहले भी उठ चुकी है सरकार पर ऊंगली
गौरतलब है कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब प्रभु एन सिंह की कार्यप्रणाली के चलते योगी सरकार पर ऊंगली उठी हो। आगरा डीएम से ठीक पहले प्रभु एन सिंह सालों तक लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी रहें थे। प्रभु एन सिंह के कार्यकाल के दौरान एलडीए में कई बार बड़े घोटाले होने का अंदेशा जताया गया, इसको लेकर भी योगी सरकार पर विपक्ष ने तो हमला बोला ही था।
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यहां तक कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या समेत भाजपा के ही विधायकों ने भी शान-ए-अवध की बिक्री समेत कई अन्य मामलों में करोड़ों का घोटाला किए जाने का अंदेशा जताते हुए योगी सरकार से जांच कि मांग की थी, हालांकि जिन मामलों में घोटालों की बात कही गयी थी, उनकी जांच आज तक नहीं करायी गयी है।