आरयू वेब टीम। पश्चिम बंगाल में जारी डॉक्टरों की हड़ताल के बीच केंद्र सरकार हरकत में आई है। केंद्र ने राज्य सरकार को एडवाइजरी जारी करते हुए तुरंत एक रिपोर्ट तलब की है। केंद्र की एडवाइजरी में कहा है गया है कि डॉक्टरों की हड़ताल का असर पूरे देश में पड़ रहा है और पश्चिम बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों के डॉक्टर भी इसमें शामिल हो गए हैं। गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी में लिखा है, “मंत्रालय ने डॉक्टरों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और मेडिकल संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है। ये लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से आए थे और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।
पश्चिम बंगाल सरकार से इस बावत अपील की जाती है कि डॉक्टरों के हड़ताल पर एक विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजी जाए।” गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से पश्चिम बंगाल सरकार को एक सप्ताह के अंदर ये दूसरी एडवाइजरी है। इससे पहले नौ जून को राज्य में जारी राजनीतिक हिंसा पर केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार को पहली एडवाइजरी जारी की थी।
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बता दें कि पश्चिम बंगाल में साथी डॉक्टरों पर हमलों के खिलाफ और सुरक्षा की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल लगातार पांचवें दिन शनिवार को भी जारी है। हड़ताल की वजह से राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। हड़ताली डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से शुक्रवार रात आए बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को नबन्ना स्थित राज्य सचिवालय में बातचीत के लिए बुलाया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े रहे कि सीएम ममता बनर्जी को डॉक्टरों की शिकायतें सुनने के लिए आंदोलन स्थल एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल आना होगा और उन पर झूठे आरोप लगाने के लिए माफी मांगनी होगी।
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पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के अध्यक्ष अर्जुन सेनगुप्ता ने आईएएनएस से कहा, “जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल अभी भी जारी रखी है, हालांकि गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के लिए आपातकालीन सेवाएं संचालित हैं, प्रदेश सरकार से किसी बैठक के संबंध में फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
दूसरी ओर घटनाक्रम में केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में जारी राजनीतिक हिंसा के बीच ममता बनर्जी सरकार से रिपोर्ट मांगी है और पूछा है कि इन घटनाओें को रोकने के लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट तलब करते हुए पूछा है कि राजनीतिक हत्या के दोषियों को कानून के मुताबिक सजा देने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? बंगाल में शनिवार को भी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी। ये हत्या कांग्रेस और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच टकराव के बाद हुई थी।