आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर का राजधानी लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर में बेहद घिनौना चेहरा सामने आया है। यहां बेहतर इलाज की उम्मीद में पहुंचाए गए घायल युवक को समुचित उपचार नहीं मिलने से उसकी जान चली गयी, जबकि युवक के परिजन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से इलाज करने के लिए हाथ-पैर जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे, वहीं पेशे को कलंकित करने के साथ ही इंसानियत भी भूला केजीएमयू का डॉक्टर अपनी एक बेतुकी मांग पर अड़ा रहा।
युवक की मौत के बाद सोमवार को आक्रोशित परिजनों व अन्य लोगों ने आलमबाग स्थित नहरिया चौराहे पर शव रखकर प्रदर्शन करते हुए डॉक्टर को बर्खास्त करने की मांग की है। सूचना पाकर मौके पर पहुंची आलमबाग और कृष्णानगर पुलिस ने काफी समझा-बुझाकर लोगों को सड़क से हटाया।
ये था पूरा मामला-
बताया जा रहा है कि कृष्णानगर के हरिओम नगर निवासी वेद प्रकाश सिंह का बेटा अश्वनी सिंह (20) शनिवार की शाम ऑटो से कानपुर रोड पर जा रहा था, तभी स्कूटर इंडिया कंपनी के समीप एक कार ने आटो को जोरदार टक्कर मार दी। घटना में अश्वनी बुरी तरह से घायल हो गया था। रहागीरों ने मानवता दिखाते हुए शनिवार की शाम करीब छह बजे अश्वनी को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर पहुंचाया।
पिता वेद प्रकाश ने बताया कि अश्वनी की लगातार हालत बिगड़ने के बाद भी उसका सही ढ़ग से उपचार शुरू नहीं किए जाने पर डॉ. नवनीत अग्रवाल से वहां मौजूद किसी ने अश्वनी को देखने को कहा जिसके बाद डॉक्टर और उस व्यक्ति के बीच बहस हो गयी। मौके पर सुरक्षाकर्मियों और ट्रामा सेंटर के कर्मचारियों को जुटता देख बहस करने वाला व्यक्ति वहां से चला गया।
यह भी पढ़ें- 50 लाख की फिरौती के लिए नौकर ने कराया मासूम भाईयों का अपहरण, फावड़े से एक की हत्या, दूसरे की हालत गंभीर, देखने KGMU पहुंचे CM
जिसके बाद अश्वनी के परिजन लगातार डॉक्टर को इलाज करने के लिए हाथ-पैर जोड़कर मनाते रहें, आरोप है कि डॉक्टर इलाज कर अपना फर्ज निभाते हुए युवक की जान बचाने की जगह बहस करने वाले को ट्रामा सेंटर में बुलवाकर पैर पकड़कर माफी मांगने की जिद पर अड़ा रहा।
दूसरी ओर हालात के आगे बेबस परिजन न बहस करने वाले को वहां बुला सके और न ही डॉक्टर को समुचित इलाज करने के लिए मना सके। इन सबके बीच करीब 12 घंटे बीतने के बाद रविवार की सुबह अश्वनी ने स्ट्रेचर पर ही दम तोड़ दिया।
जवान बेटे को खोने के बाद परिजनों ने ट्रामा सेंटर में हंगामा शुरू कर दिया। हंगामें की सूचना पाकर मौके पर पहुंची चौक कोतवाली के केजीएमयू चौकी की पुलिस ने लोगों को शांत कराने के बाद शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। दूसरी ओर मंगलवार को वेद प्रकाश ने डॉक्टर की शिकायत केजीएमयू वीसी के अलावा यूपी के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, चौक और कृष्णानगर पुलिस से की है।
सोशल मीडिया पर वॉयरल हुआ ऑडियो
दूसरी ओर बहस करने वाले के ट्रामा सेंटर से भागने के बाद परिजन डॉक्टर केे हाथ-पैर जोड़कर मनाने की कोशिश करने लगे, लेकिन डॉक्टर अपनी मांग पर अड़ा रहा। ये देख वहां मौजूद किसी ने परिजनों की बातचीत का मार्मिक ऑडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वॉयरल कर दिया।
यह भी पढ़ें- खबर का असर, इंसानों की तीन हजार लाशें सड़ाने के बाद KGMU प्रशासन ने बनवाया फ्रिजर
ऑडियो में अश्वनी के पिता, उसकी बहन समेत तमाम लोग इलाज के लिए मिन्नतें कर रहे है, साथ ही डॉक्टर को भगवान से बढ़कर बताते हुए उसके पैर पकड़ने तक की भी बात कर रहें, लेकिन दूसरा व्यक्ति इलाज के बदले ऊंची आवाज में बात करने वाले से माफी मंगवाने की अपनी डिमांड पर अड़ा है। हालांकि इस मामले में केजीएमयू के सीएमएस प्रो. एसएन संखवार का कहना है कि कमेटी मामले की जांच कर रही है, साथ ही ऑडियो की सत्यता की भी जांच कराई जाएगी।
डॉक्टर ने माना था अश्वनी को है वेंटीलेटर की जरूरत, लेकिन खाली होने के बाद भी नहीं दिया
अश्वनी की बहन रेनू और पिता वेद प्रकाश ने आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर नवनीत अग्रवाल ने उसके भाई की हालात को गंभीर मानते हुए वेंटीलेटर पर रखने की बात कही थी, लेकिन अपनी जानलेवा जिद के चलते उसने वेंटीलेटर खाली होने के बाद भी अश्वनी को नहीं दिया, जबकि दो घंटे बाद आए एक अन्य मरीज को वेंटीलेटर उन लोगों के सामने दे दिया, लेकिन घंटों मिन्नतें करने के बावजूद डॉक्टर का दिल नहीं पसीजा और उसने अश्वनी को मरने के लिए स्ट्रेचर पर ही छोड़ दिया, जबकि किसी तरह से उन लोगों ने अश्वनी की जांचें कराई थी, डॉक्टर ने उसे भी देखना जरूरी नहीं समझा।
दूसरे को न उठाना पड़े ये गम इसलिए डॉक्टर को सजा दिलाने तक नहीं बैठेंगे खामोश
वहीं पिता वेद प्रकाश ने कहा कि डॉक्टर ने उनके बेटे की जान ली है, ऐसे डॉक्टर समाज के लिए खतरनाक हैं। आज मैंने अपना जवान बेटा खोया है, लेकिन कल को किसी और को ये गम न उठाना पड़े इसलिए वो लोग डॉक्टर को सजा दिलाने तक लड़ाई लड़ेंगे।
केजीएमयू ने गठित की चार सदस्यों वाली कमेटी, 24 घंटें में देगी रिपोर्ट
वहीं केजीएमयू की साख पर बट्टा लगाने वाले इस मामले को गंभीरता से लेते केजीएमयू के वीसी प्रो. एमएलबी भट्ट ने सोमवार को चार सदस्यों वाली कमेटी गठित की है। वीसी ने बताया कि डॉ. यूबी मिश्रा की अध्यक्षता में चार सदस्यी कमेटी गठित की गयी है, जो मामले की जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट देगी। जिसके बाद जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।