आरयू संवाददाता,
लखनऊ। पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर हजारों राज्य कर्मचारियों ने सोमवार को विधानसभा भवन का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों का कहना है कि यह धर्म युद्ध है, इसमें हम सब की जीत होगी। कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें न मानी गई तो सरकार परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
वहीं पेंशन बहाली मंच के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे, मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने मीडिया को बताया कि अगर एक अप्रैल 2005 के बाद भर्ती हुए कर्मचारी के साथ कोई हादसा होता है, तो सामाजिक सुरक्षा के नाम पर उसके परिवार को कोई सुविधा नहीं मिलती। प्रदेश और देश को चलाने में कर्मचारियों, शिक्षकों, इंजीनियरों और अधिकारियों की विशेष भूमिका है, पर प्रदेश में उनकी उपेक्षा की जा रही है।
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इसके अलावा डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के महासचिव जीएन सिंह का कहना है कि 24 हजार से ज्यादा इंजीनियर कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। अगर अब भी सरकार नहीं चेती तो हड़ताल करने से भी नहीं चूकेंगे।
वहीं कर्मचारियों के प्रदर्शन को देखते हुए डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने आपात बैठक बुलाई, जिसमें चीफ सेकेट्री अनूप चन्द्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव नियुक्ति मुकुल सिंघल, डीएम कौशल राज शर्मा और कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए और उन्होंने अपने पक्ष को सरकार के सामने रखा।
बता दें कि इस महारैली में डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के नेतृत्व में प्रदेश की अभियंत्रण सेवा से जुड़े 24 हजार जूनियर इंजीनियर, उप्र सचिवालय सेवा संवर्ग के कर्मचारी व अधिकारी, शिक्षक शामिल रहे।