आरयू वेब टीम। सुप्रीम कोर्ट के जज डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद व गोपनियता की शपथ दिलाई। जस्टिस चंद्रचूड़ 50वें सीजेआइ बनने के बाद आज ही पदभार ग्रहण करेंगे। उनका कार्यकाल दस नवंबर, 2024 तक होगा। सुप्रीम कोर्ट के जज 65 साल की उम्र में रिटायर होते हैं।
दरअसल जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जस्टिस हैं। वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ दो फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश थे। 11 नवंबर 1959 को जन्में जस्टिस चंद्रचूड़ को 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। वह 31 अक्टूबर, 2013 से सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे।
वहीं बात करें न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के करियर की तो सीजेआइ 29 मार्च, 2000 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनी नियुक्ति तक बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। उन्होंने 1998 से बॉम्बे हाई कोर्ट में जज के रूप में अपनी नियुक्ति तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी काम किया था। उन्हें जून 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था।
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जस्टिस चंद्रचूड़ ने जस्टिस यूयू ललित का स्थान लिया है। जस्टिस ललित ने 11 अक्टूबर को कन्वेंशन के मुताबिक जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश केंद्र के उत्तराधिकारी के तौर पर की थी। राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें 17 अक्टूबर को अगला सीजेआई नियुक्त किया था।