आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मोदी सरकार द्वारा शुक्रवार को पेश किए गए आम बजट को लेकर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सवाल उठाते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला है। आज अपने एक बयान में सपा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्रीय बजट निराशाजनक, दिशाहीन व उद्देश्यहीन है। गरीबों, किसानों, नौजवानों, नौकरी पेशा लोगों और महिलाओं के लिए उसमें कुछ नहीं है। मध्यम वर्ग इस बजट से बुरी तरह चोटिल होगा, क्योंकि इसमें एक हाथ से देकर दूसरे हाथ से छीन लेने की प्रक्रिया अपनाई गई है। असल में ये बजट भ्रमित करने वाला है, जिससे जनता को गुमराह करने की साजिश की गई है।
…चीजों के दाम भी बढ़ेंगे
अखिलेश ने आगे कहा कि केंद्रीय बजट से पेट्रोल-डीजल के दामों में अतिरिक्त सेस लगने से ढाई रूपए प्रति लीटर की वृद्धि से परिवहन मंहगा होगा तो जीवनोपयोगी चीजों के दाम भी बढ़ेंगे। घरेलू बजट असंतुलित होगा। किसान डीजल का सबसे ज्यादा उपयोग करता है, उसको आर्थिक नुकसान होगा।
साथ ही इस बजट ने जन अपेक्षाओं की अनेदखी की है। गरीबों को गरीबी से उबारने की इसमें कोई कोशिश नहीं है। किसानों की कर्जमाफी, उनकी आय में बढ़ोत्तरी के उपायों के अलावा खाद, बीज, कीटनाशक की उपलब्धता पर भाजपा सरकार ने चुप्पी साध रखी है। किसानों की आत्महत्या रूक नहीं रही है। नौजवानों को रोजगार देने के नाम पर स्टार्टअप, मुद्रा लोन जैसी पुरानी घिसीपिटी योजनाओं की ही चर्चा है।
रेलवे, एयरपोर्ट में निजी भागीदारी और मीडिया में विदेशी पूंजी निवेश…
हमला जारी रखते हुए अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने जनता के इस्तेमाल की कई चीजों को भी मंहगा कर दिया है। टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। विदेशी किताबे मंहगी कर उसने शोध और शिक्षा क्षेत्र के विकास में बाधा डाली है। रेलवे, एयरपोर्ट में निजी भागीदारी और मीडिया में विदेशी पूंजी निवेश को बढ़ावा देकर भाजपा सरकार बड़े पूंजीघरानों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हाथों में राष्ट्रीय संपदा सौंपने का काम करेगी। सच तो यह है कि जब भाजपा सरकार के पांच वर्षों में कुछ नहीं हुआ तो कैसे अब आशा की जा सकती है कि वह अपने वादे निभाने और जनआकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी।