आरयू इंटरनेशनल डेस्क। फेसबुक के नाम में बदलाव के बाद अब फेसबुक ने घोषणा की है कि वो अपने फेस रिकग्निशन सिस्टम को बंद कर रहा है और अपने एक अरब से अधिक यूजर्स के फेशियल डेटा को यहां से हटा देगा। फेसबुक ने कहा कि उसके दैनिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं में से एक तिहाई से अधिक ने पहले फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग करने का विकल्प चुना था, जो कि 600 मिलियन से अधिक अकाउंट हैं।
फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने एक बयान में कहा, “यह परिवर्तन प्रौद्योगिकी के इतिहास में चेहरे की पहचान के उपयोग में सबसे बड़े बदलावों में से एक का प्रतिनिधित्व करेगा। फेसबुक के दैनिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं में से एक तिहाई से अधिक ने हमारी चेहरा पहचान सेटिंग को चुना है और पहचाने जाने में सक्षम हैं, और इसे हटाने का परिणाम होगा एक अरब से अधिक लोगों के व्यक्तिगत चेहरे की पहचान के टेम्प्लेट को हटाना।
वहीं नए बदलाव के तहत कंपनी लोगों को फोटो और वीडियो में टैग करने के लिए फेशियल रिकग्निशन एल्गोरिदम का इस्तेमाल बंद कर देगी। ये परिवर्तन स्वचालित ऑल्ट टेक्स्ट (एएटी) को भी प्रभावित करेगा, जो नेत्रहीन और दृष्टिबाधित लोगों के लिए इमेज विवरण बनाता है। इस परिवर्तन के बाद, एएटी विवरण में फ़ोटो में पहचाने गए लोगों के नाम शामिल नहीं होंगे, लेकिन सामान्य रूप से बाकी सब कार्य करेंगे।
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फेसबुक पर 2011 से फेशियल रिकग्निशन उपलब्ध है, और फेसबुक ने उस समय 500 मिलियन से अधिक लोगों के लिए फीचर को स्वचालित रूप से चालू कर दिया था। फर्म ने कहा, “हमारा मानना है कि चेहरे की पहचान इस तरह के उत्पादों के लिए गोपनीयता, पारदर्शिता और नियंत्रण के साथ मदद कर सकती है, इसलिए आप तय करते हैं कि आपके चेहरे का उपयोग किया जाता है या नहीं।
हम इन तकनीकों पर काम करना और बाहरी विशेषज्ञों को शामिल करना जारी रखेंगे।” फेस रिकग्निशन और इसके द्वारा सक्षम की जाने वाली सुविधाओं को आने वाले हफ्तों में आधिकारिक रूप से हटा दिया जाएगा। हाल ही में, फेसबुक ने एक प्रमुख रीब्रांड के हिस्से के रूप में अपना कॉर्पोरेट नाम बदलकर मेटा कर लिया है।