FICCI के कार्यक्रम में बोले PM मोदी, भारत के किसानों के पास मंडियों के साथ ही फसल बाहर भी बेचने का विकल्प

एफआइसीसीआइ
फिक्की के कार्यक्रम में बोलते प्रधानमंत्री।

आरयू वेब टीम। कृषि कानून के विरोध में किसानों के आंदोलन के बीच शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (एफआइसीसीआइ) की 93वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) और एनुअल मीटिंग के उद्घाटन सत्र को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया। मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र और उससे जुड़े अन्य सेक्टर जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर हो, फ़ूड प्रोसेसिंग हो, स्टोरेज हो, कोल्ड चैन हो इनके बीच हमने दीवारें देखी हैं। अब सभी दीवारें हटाई जा रही हैं, सभी अड़चनें हटाई जा रही हैं। इन सुधारों के बाद किसानों को नए बाजार,नए विकल्प और टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि देश का कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक होगा। इन सबसे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा। इन सबका सबसे ज्यादा फायदा मेरे देश के किसान को होने वाला है। आज भारत के किसानों के पास अपनी फसल मंडियों के साथ ही बाहर भी बेचने का विकल्प है। आज भारत में मंडियों का आधुनिकीकरण तो हो ही रहा है, किसानों को डिजिटल प्लेटफार्म पर फसल बेचने और खरीदने का भी विकल्प दिया गया है। इन सारे प्रयासों का लक्ष्य यही है कि किसानों की आय बढ़े, देश का किसान समृद्ध हो। जब देश का किसान समृद्ध होगा तो देश भी समृद्ध होगा।

यह भी पढ़ें- बोले किसान, नए कृषि कानूनों को वापस लिये जाने के बाद ही खत्‍म होगा आंदोलन

पीएम ने अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था को क्षेत्रों के बीच बाधाओं या अड़चनों की जरूरत नहीं है, बल्कि एक पुल की जरूरत है ताकि एक क्षेत्र दूसरे का समर्थन कर सके। पिछले कुछ सालों में इस तरह की बाधाओं को दूर करने के लिए हमने सुधार किए हैं। पिछले छह वर्षों में भारत ने भी ऐसी ही सरकार देखी है, जो सिर्फ और सिर्फ 130 करोड़ देशवासियों को आगे ले जाने के लिए काम कर रही है।

मोदी ने कहा कि एक जीवंत अर्थव्यवस्था में, जब एक क्षेत्र बढ़ता है तो इसका सीधा असर अन्य क्षेत्रों पर भी पड़ता है। हम जो सुधार कर रहे हैं, वे ऐसे सभी अनावश्यक ढांचे को हटा रहे हैं। कृषि क्षेत्र इसका एक ऐसा ही उदाहरण है। साथ पीएम ने कहा कि महामारी के दौरान इतने उत्तर चढ़ाव से देश और दुनिया गुजरी है कि कुछ वर्षों बाद जब हम कोरोना काल को याद करेंगे तो शायद यकीन ही नहीं आएग, लेकिन अच्छी बात ये रही कि जितनी तेजी से हालात बिगड़े, उतनी ही तेजी के साथ सुधर भी रहे हैं।

यह भी पढ़ें- कृषि कानून के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे किसानों व पुलिस के बीच झड़प, आंसू गैस के दागे गोले