आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते किए गए लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश में सरकारी दुकानों से राशन दिए जाने के मुद्दे को लेकर बुधवार को कांग्रेस ने सीएम योगी पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा है कि सीएम योगी द्वारा तीन महीने की घोषणा करने के बाद एक महीने का राशन दिया जाना गांव व गरीब के साथ धोखा है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आज अपने एक बयान में कहा है कि यूपी के मुख्यमंत्री ने जनता को तीन महीने का निःशुल्क राशन दिए जाने की घोषणा की थी, लेकिन हकीकत घोषणाओं के विपरीत है। जनता को महज एक माह का राशन दिया जा रहा है वो भी निःशुल्क नही है, इसके लिए अंत्योदय कार्ड धारकों को छोड़ दूसरों से पैसे की वसूली की जा रही है जो कठिनतम त्रासदी के इस दौर में पीड़ित और बेहाल जनता के साथ धोखा है।
बॉयोमेट्रिक से कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने का डर
साथ ही उन्होंने मांग करते हुए कहा कि राशन देते समय बॉयोमेट्रिक की अनिवार्यता से कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने का डर लगातार बना हुआ है। इस अनिवार्यता को कोरोना संकट तक स्थगित किया जाना चाहिए।
…यह कोटेदारों का सरकारी शोषण है
कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि कोटेदारों को उठान स्थल से वितरण के लिए यह राशन दिए जाने के समय उनसे पैसे जमा कराए जा रहे हैं, जिसे बाद में वापस किये जाने की बात कही जा रही है, यह कोटेदारों का सरकारी शोषण है, जिसे तत्काल बंद किया जाना चाहिए।
राशन कार्ड की अनिवार्यता को भी किया जाना चाहिए समाप्त
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा समय में राशन दिये जाने के लिए राशन कार्ड की अनिवार्यता को भी समाप्त किया जाना चाहिए, क्योंकि प्रदेश में एक बड़ी तादाद ऐसे गरीबों की है जिनका राशन कार्ड आज तक नहीं बन पाया है। मानव धर्म और राज धर्म यह कहता है कि प्रदेश का कोई भी नागरिक राशन की कमी से भुखमरी का शिकार न हो।