आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण में फाइलों को लटकाकर आवंटियों को परेशान करना व नियम विरूद्ध प्लॉटों के समायोजन जैसे भ्रष्टाचार कर फाइलों को पूरी तरह से गायब करना अब आसान नहीं होगा। लंबे समय से फाइलों के हेर-फेर को लेकर बदनामी झेल रहे एलडीए में अब ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने जा रही है। एलडीए वीसी अक्षय त्रिपाठी ने इसको लेकर प्रयास भी शुरू कर दिए है। इसके तहत एलडीए की सभी नई व पुरानी पत्रावलियां तीन चरणों में ई-ऑफिस पोर्टल पर अपलोड की जाएंगी।
अपनी मंश को अमली जामा पहनाने के लिए मंगलवार एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने जिम्मेदार अफसरों के साथ बैठक कर निर्देश जारी किए हैं। उपाध्यक्ष के इस कदम से विभागीय कामों में पारदर्शिता आएगी और फाइलें लंबित होने पर कर्मचारियों की जवाबदेही तय हो सकेगी।
आज उपाध्यक्ष कार्यालय में हुई इस बैठक में एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार और राज्य सूचना अधिकारी, एन.आई.सी इफ्तिखार अहमद कुरैशी की उपस्थिति में ई-ऑफिस प्रणाली को शीघ्र लागू किए जाने के बारे में खाका खीचा गया।
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बैठक में तय हुआ कि पहले चरण में प्राधिकरण के सभी अनुभागों में बनने वाली नई पत्रावलियां ई-ऑफिस पोर्टल के माध्यम से बनाई जाएंगी। वहीं, दूसरे चरण में मौजूदा समय में प्रचलित फाइलों को इस पोर्टल के अंतर्गत लाने का काम किया जाएगा। इसके बाद तीसरे चरण में पुरानी पत्रावलियों को ई-ऑफिस पोर्टल पर लिया जाएगा।
किस पटल पर कितने दिन लंबित रही फाइल, चल जाएगा पता: अक्षय त्रिपाठी
इस बारे में अक्षय त्रिपाठी ने कहा है कि एलडीए में ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने से सारा काम पेपर लेस हो जाएगा और सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज डिजिटल रिकॉर्ड में रहेंगे। इससे फाइलों के गायब होने या नष्ट होने की संभावना नहीं रहेगी। वहीं, इस प्रणाली के अंतर्गत यह भी पता चल सकेगा कि कौन सी फाइल-किस पटल पर-कितने दिन लंबित रही। इससे कार्यों को लंबित रखने वाले कर्मचारियों की जवाबदेही भी तय हो सकेगी और आवंटियों को अपना काम कराने के लिए विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
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उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को ई-ऑफिस की वेबसाइट से सम्बंधित जरूरी व्यवस्था कराने के निर्देश देते हुए आज कहा है कि एन.आई.सी द्वारा प्राधिकरण के स्तर पर जो भी वांछित कार्यवाही बताई जाएगी, उसे तुरंत पूरा करा लिया जाए। वह जल्द ही इस बारे में एक बार फिर विभागीय बैठक कर कार्यों की समीक्षा करेंगे।
शुरुआत के लिए होगी पांच सौ यूजर आईडी की जरूरत: राघवेंद्र मिश्रा
वहीं आज की बैठक में एलडीए के प्रोग्रामर एनालिस्ट राघवेंद्र कुमार मिश्रा ने ई-ऑफिस का खाका खीचते हुए कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली की शुरुआत करने के लिए करीब पांच सौ यूजर आईडी की जरूरत होगी। इसमें हर 50 कर्मचारी पर एक मास्टर ट्रेनर की आवश्यकता होगी, जिसको एन.आई.सी द्वारा प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके अलावा एक एडमिन की भी जरूरत होगी, जो लिनेक्स व जावा में काम करने में सक्षम हो।
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वहीं एलडीए के ओएसडी देवांश त्रिवेदी ने बताया कि ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर की होस्टिंग के लिए एन.आई.सी के सर्वर पर स्पेस उपलब्ध नहीं है। अतः इसे स्टेट डाटा सेंटर पर या केंद्र/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्पेस प्रोवाइडर (क्लाउड) पर होस्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ई-ऑफिस प्रणाली के तहत सभी 500 यूजर्स के ई-सिग्नेचर, डिजिटली साइन्ड टेक्सट (डी.एस.टी) और एन.आई.सी कॉरपोरेट मेल आईडी बनेगा।