GIS को “ग्‍लोबल इवेंट समिट” बता कांग्रेस ने कहा, “जनता के पैसे से जनता को गुमराह कर रही योगी सरकार”

ग्‍लोबल इवेंट समिट
मीडिया के सामने अपनी बात रखते अखिलेश प्रताप सिंह साथ में अन्‍य।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कल से सूबे की राजधानी लखनऊ में शुरू होने वाले ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स समिट (जीआइएस) को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने जीआइएस को लेकर तंज कसते हुए कहा है कि इन्‍वेस्‍टर्स नहीं ग्लोबल इवेंट समिट है।

गुरुवार को कांग्रेस के प्रदेश मुख्‍यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में कांग्रेस प्रवक्‍ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि कल से शुरू होने वाली यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट असल माने में ग्लोबल इवेंट समिट है। इसमें जनता की गाढ़ी कमाई खर्च कर जनता को ही गुमराह किया जा रहा है।

इवेंट मैनेजमेंट एजेंन्सियां हॉयर की गयी

अखिलेश ने सवाल उठाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार का दावा कि इस समिट से 21 लाख करोड़ रुपये का निवेश आयेगा। अकेले यूपी उद्योग विभाग ने लगभग 320 करोड़ रुपये इस समिट के लिए जारी किए हैं। इस समिट के लिए देश की इवेंट मैनेजमेंट एजेंन्सियां हॉयर की गयी हैं। योगी सरकार बताए कि वह कौन-कौन सी इवेंट एजेंसियां हैं? वह कहां की हैं? उनको कितना भुगतान किया जाना है और यह किस प्रक्रिया के तहत हॉयर की गयी हैं?

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अखिलेश प्रताप ने तैयारियों की बात पर कहा कि ग्लोबल समिट के लिए 10 महीने से पूरी यूपी सरकार देश-दुनिया का भ्रमण व तैयारी कर रही। 17 देशों में मंत्रि-अधिकारियों ने भ्रमण व रोड-शो किए। देश के हर महत्वपूर्ण शहरों में भी यूपी सरकार गई। इस दौरान जनता का भारी-भरकम पैसा पानी की तरह बहा दिया गया।

…उनका क्‍या हुआ यह सबको पता

वहीं पत्रकारों से कांग्रेस प्रवक्‍ता ने यह भी कहा कि फरवरी साल 2018 में भी लखनऊ में इसी प्रकार का समिट आयोजित हुआ था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसका उदघाटन किया था। जिसमें लगभग चार लाख 28 हजार करोड़ रुपये के 1045 कम्पनियों के साथ निवेश का एमओयू साइन किए गए थे। उनका क्‍या हुआ यह सबको पता है।

दो ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में मात्र 371 एमओयू वाली कंपनियां भूमि पूजन के लिए आईं,जिनमें से मात्र 106 कंपनियों का ही वाणिज्यिक संचालन हो पाया है, जो कुल घोषित निवेश का लगभग नौ प्रतिशत है।

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