आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ के गोमती नदी में बुधवार को कूदकर महिला ने आत्महत्या कर ली। महिला को नदी में छलांग लगाता देख लोगों में हड़कंप मच गया। राहगीरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से शव को पानी से बाहर निकाल कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। साथ ही फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच शुरू की।
मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार दोपहर हजरतगंज के लक्ष्मण मेला मैदान के पास महिला ने गोमती नदी में कूदकर जान दे दी। महिला की पहचान कविता निषाद के तौर पर हुई। वह अर्जुनगंज अहिमामऊ की रहने वाली थी। आज सुबह ही वह लक्ष्मण मेला अपने मायके आई थी। पुलिस ने महिला के परिजनों को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची बहन शांति ने बताया कि भाई अंशु भांजे माधव और भांजी शुभी को गर्मियों की छुट्टियों में घर ले आया था। स्कूल खुलने वाले थे।
कविता बच्चों को लेने आज सुबह ही अहिमामऊ से मायके लक्ष्मण मेला मैदान आई थी। दिन में करीब 11 बजे खाना खाने के बाद पति के सुसाइड केस में दर्ज मुकदमे की जानकारी करने के लिए घर से निकली थी। कविता हजरतगंज नहीं जाकर घर से करीब 200 मीटर दूर जाकर गोमती नदी में कूद गई। लोगों ने जब देखा तो पुलिस को सूचना दी। गोताखोरों की मदद से कविता का शव पानी से निकालकर सिविल अस्पताल भेजा गया। वहां से ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। करीब आधे घंटे बाद कविता के नदी में कूदने की सूचना मिली।
बहन राखी ने बताया कि मृतका के पति महेश निषाद ने दो महीने पहले रिटायर्ड जज और उसकी पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर जान दे दी थी। कविता अपने पति महेश निषाद को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रही थी। जज और उसकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुए दो महीने से अधिक समय हो गया था, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इससे कविता परेशान चल रही थी।
राखी को बातचीत के दौरान कविता ने बताया था कि करीब 15 दिन पहले उसने जज की पत्नी वंदना श्रीवास्तव को मैसेज किया था कि पति की तो जान ले ली है, अब हमारी भी जान ले लो। जिसका वंदना श्रीवास्तव ने कोई जवाब नहीं दिया था और कविता का नंबर ब्लॉक कर दिया था।
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