आरयू वेब टीम। कोरोना संकट के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में रह-रहकर आ रहे भूकंप ने लोगों की दहशत मे इजाफा कर दिया है। वहीं गुजरात के बनासकांठा और राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर और सांचोर सहित कई इलाकों में गुरुवार को भूकंप के झटके महसूस हुए। जिससे भय के कारण लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। अधिकारियों के अनुसार दोनों ही जगह भूकंप के कारण किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, आज 11 बजकर 15 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता 4.0 थी। भूकंप का केंद्र जोधपुर से 106 किमी पश्चिम दक्षिण पश्चिम में बालोतरा के आसपास दस किमी जमीन के नीचे था। रिपोर्ट्स के अनुसार, गुजरात के बनासकांठा में भूकंप के जो झटके महसूस किए, उसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.0 थी। धरती में कंपन होने के बाद पालनपुर सहित कई इलाकों में लोग घरों से बाहर निकल आये। इलाके के लोगों ने कुछ सेकंड के लिए झटके महसूस किए जाने की सूचना दी, हालांकि किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
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मालूम हो कि शनिवार को गुजरात के कच्छ जिले में 12 बजकर आठ मिनट पर 4.1 तीव्रता का भूकंप आया था। ये 6.1 किलीमटर की गहराई में दर्ज किया गया। इंस्टीट्यूट ऑफ सीस्मोलॉजी रिसर्च (आईएसआर) के अनुसार, इसका केंद्र धोलावीरा के पास स्थित था। मध्यम तीव्रता के भूकंप के चलते जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था। इससे पहले, चार अगस्त को जिले में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था।
गुजरात के जामनगर शहर और उसके आसपास गुरुवार को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.3 दर्ज की गयी। भूकंप के कारण लोग ऊंची इमारतों से बाहर भागने लगे। राज्य आपदा प्रबंधन अधिकरण के मुताबिक गुजरात का कच्छ जिला अत्यंत उच्च जोखिम वाला भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है। क्षेत्र में 2001 में विनाशकारी भूकंप आया था।