आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को बनासकांठा में डेयरी प्लांट के उद्घाटन के मौके पर कहा कि भारत में हर साल जितना चावल-गेहूं की पैदावार नहीं होती, उससे कहीं अधिक दूध का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि भारत में हर साल करीब 8.5 लाख करोड़ रुपये कीमत के बराबर दूध का उत्पादन किया जाता है। यही वजह है कि दुग्ध उत्पादन के मामले में भारत विश्व में पहले स्थान पर है।
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भारत में हर साल गेहूं और चावल की पैदावार भी 8.5 लाख करोड़ रुपये के दूध उत्पादन का मुकाबला नहीं कर पाती। बीते एक-दो घंटों में मैं यहां अलग-अलग जगहों पर गाय और डेयरी सेक्टर से जुड़ी सरकारी योजनाओं की लाभार्थियों और पशु पालन बहनों से मेरी विस्तार से बात हुई। इस पूरे समय के दौरान मुझे जो जानकारियां दी गई उससे मैं बहुत प्रभावित हूं।
मोदी ने कहा कि भारत में गांव की अर्थव्यवस्थाओं को, माताओं-बहनों के सशक्तिकरण को कैसे बल दिया जा सकता है, सहकार कैसे आत्मनिर्भर भारत के अभियान को ताकत दे सकता है, ये सब कुछ यहां अनुभव किया जा सकता है। आगे कहा कि बनास डेयरी संकुल,चीज और व्हे प्लांट, ये सभी तो डेयरी सेक्टर के विस्तार में अहम हैं। बनास डेयरी ने ये भी सिद्ध किया है कि स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूसरे संसाधनों का भी उपयोग किया जा सकता है।
इसके साथ ही कहा कि आज यहां एक बायो-सीएनजी प्लांट का लोकार्पण किया गया है और चार गोबर गैस प्लांट्स का शिलान्यास किया गया है। ऐसे अनेक प्लांट्स बनास डेयरी देशभर में लगाने जा रही है। ये कचरे से कंचन के सरकार के अभियान को मदद करने वाला है। गोबरधन के माध्यम से एक साथ कई लक्ष्य हासिल हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इससे गांवों में स्वच्छता को बल मिल रहा है, पशुपालकों को गोबर का भी पैसा मिल रहा है और गोबर से बायो-सीएनजी और बिजली जैसे उत्पाद तैयार हो रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में जो जैविक खाद मिलती है, उससे किसानों को बहुत मदद मिल रही है।
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इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विद्या समीक्षा केंद्र का दौरा करने के बाद कहा कि मैं भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों और अधिकारियों से भी कहूंगा कि विद्या समीक्षा केंद्र का अवश्य अध्ययन करें। विद्या समीक्षा केंद्र जैसा आधुनिक व्यवस्था का लाभ देश के जितने ज्यादा बच्चों को मिलेगा, उतना ही भारत का भविष्य उज्ज्वल बनेगा।
मोदी ने कहा कि गुजरात आज सफलता की जिस ऊंचाई पर है, विकास की जिस ऊंचाई पर है, वह हर गुजराती को गर्व से भर देता है। इसका अनुभव मैंने कल गांधीनगर के विद्या समीक्षा केंद्र में किया। गुजरात के बच्चों के भविष्य को और हमारी आने वाली पीढ़ियों को संवारने के लिए विद्या समीक्षा केंद्र एक ताकत बन रहा है।