आरयू ब्यूरो, लखनऊ। इंजीनियरों के बाद अवैध निर्माण को बचाने के लिए एलडीए के एक बाबू का चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है। बाबू ने पांच मंजिला अवैध होटल को ध्वस्त होने से बचाने के लिए अपनी नौकरी दांव पर लगाते हुए न सिर्फ उसकी फाइल गायब कर दी, बल्कि अपने अफसरों को भी लगातार गुमराह करता रहा। आखिर में एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने प्रवर्तन जोन छह में तैनात बाबू सुबीर भाल की कारस्तानी को गंभीर मानते हुए शुक्रवार को उसे निलंबित कर दिया है। साथ ही बाबू के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिये हैं।
हालांकि प्रवर्तन जोन छह में ही अवैध तरीके से बनें लेवाना, एसएसजे व विराट होटल के अग्निकांड में करीब दर्जनभर बेगुनाहों की जान जाने के बाद भी रिहायशी इलाके में पांच मंजिला अवैध होटल किसकी सरपरस्ती में तैयार हुआ फिलहाल इसका जवाब एलडीए के अधिकारियों को भी नहीं सूझ रहा है।
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बताया जा रहा है कि पूर्व में जोन छह के विहित प्राधिकारी की कोर्ट में बतौर पेशकार के पद पर तैनात बाबू सुबीर भाल ने पांच मंजिला अवैध होटल के ध्वस्तीकरण से जुड़ी फाइल गायब कर दी थी। होटल मालिक विपिन सिंह के पड़ोसी की शिकायत पर मामले ने तूल पकड़ा तो कुछ समय पहले फाइल की खोजबीन शुरू हुई। इस बीच पता चला कि फाइल पेशकार सुबीर भाल के पास थी। फाइल तलब करने पर बाबू बहाने बनाने लगा साथ ही उसने पूर्व में एलडीए से रिटायर हो चुके जेई निसारूद्दीन सिद्दीकी को भी फाइल देने की बात कही। अधिकारियों ने आगे पड़ताल की तो जानकारी हुई कि निसारूद्दीन तो कभी हुसैनगंज क्षेत्र में तैनात ही नहीं थे। कई सालों से प्रवर्तन में तैनात अवर अभियंता उदयवीर सिंह पर हुसैनगंज क्षेत्र में अवैध निर्माण की रोकने जिम्मेदारी थीं, लेकिन उन्हें भी फाइल नहीं दी गयी थीं।
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अपर सचिव ने बताया कि अब तक की जांच में सामने आया है कि अवैध निर्माणकर्ता से सांठ-गांठ करते हुए सुबीर भाल ने उसे फायदा पहुंचाने के लिए फाइल ही गायब कर दी थी। कई दिनों से वह ऑफिस भी नहीं आ रहा है। बाबू के इस कृत्य से अवैध निर्माण पर की जाने वाले कार्यवाही में न सिर्फ बाधा पहुंची, बल्कि इससे एलडीए की छवि भी धूमिल हुयी है।
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मामले में बाबू के दोषी मिलने पर वीसी ने उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच का आदेश दिया है, जिसके लिए ओएसडी देवांश त्रिवेदी को जांच अधिकारी नामित किया है। साथ ही उपाध्यक्ष ने डुप्लीकेट फाइल खोलने का आदेश करते हुए अवैध होटल पर भी आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
पांच मंजिल तनने के बाद नोटिस, फीनिशिंग के बाद ध्वस्तीकरण आदेश
वहीं बाबू के फाइल गायब करने के इस मामले ने एलडीए की अवैध निर्माण के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई की भी एक बार फिर से पोल खोल दी है। जानकारी के अनुसार हुसैनगंज के छितवापुर स्थित आवासीय प्लॉट पर विपिन सिंह ने पांच मंजिला अवैध होटल का निर्माण कराया था। दो हजार वर्ग फिट के भूखंड पर पांच मंजिल अवैध निर्माण होने के बाद तत्कालीन जेई ने अक्टूबर 2021 में नोटिस काटी थी। नक्शा पास नहीं होने के बावजूद विहित प्राधिकारी जोन छह की कोर्ट में भी मामला करीब छह महीनों तक खिंचता रहा, इस बीच होटल में फीनिशिंग का भी काम लगभग पूरा हो गया।
पड़ोसी करते रहें शिकायत, जिम्मेदार नहीं जागे
बताया जा रहा आवासीय इलाके में अवैध होटल बनने की शिकायत पड़ोसी व अन्य लोग एलडीए के अधिकारी व प्रवर्तन के इंजीनियरों से करते रहें, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं होने के चलते अवैध निर्माण लगातार चलता रहा। इस बीच पड़ोसी ने कोर्ट का भी रूख किया, जिसके बाद एलडीए की कार्रवाई कागजों में जरूर कुछ आगे बढ़ी, लेकिन होटल पर जेसीबी चलती इससे पहले ही बाबू ने फाइल गायब कर पूरा मामला ही दबा दिया।
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वहीं ध्वस्तीकरण आदेश के बाद विहित प्राधिकारी आंख बंदकर करीब दो साल बैठे रहें। इसके अलावा आम जनता के लिए खतरा बनें होटल को गिराने की जरूरत प्रवर्तन जोन छह के इंजीनियरों ने भी नहीं समझी। हाल ही में कोर्ट में मामले के तूल पकड़ने पर एलडीए को कार्रवाई की याद आयी है। जल्द ही इस बारे में एलडीए को कोर्ट में भी जवाब देना है।