आरयू वेब टीम।
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए तैयारियां कर रहे हार्दिक पटेल को गुजरात हाईकोर्ट ने आज बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल की एक दंगे के मामले में मिली सजा पर चुनाव तक रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक पटेल आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हार्दिक पटेल ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि उन्हें चुनाव लड़ने के लिए सजा से राहत दी जाए। लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। निचली अदालत ने हार्दिक को दो साल की सजा सुनाई थी।
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प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अनुसार हार्दिक पटेल चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो चुके हैं। हार्दिक पटेल हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे। जामनगर रैली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा था। वह जामनगर से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। हालांकि हार्दिक के पास अभी सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प है।
वही हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद हार्दिक ने ट्विट कर कहा कि हम डरने वाले नहीं हैं। सत्य, अहिंसा और ईमानदारी से आम जनता की आवाज उठाते रहेंगे। जनता की सेवक कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाएंगे। पार्टी के लिए गुजरात समेत पूरे देश में प्रचार करूंगा। मेरा कसूर सिर्फ इतना है कि मैं भाजपा के सामने झुका नहीं। सत्ता के सामने लडने का यह परिणाम हैं।
वहीं अपने एक अन्य ट्विट में हार्दिक ने लिखा कि गुजरात हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। चुनाव तो आते है जाते हैं, लेकिन संविधान के खिलाफ भाजपा काम करी हैं। कांग्रेस पार्टी के 25 साल के कार्यकर्ता को चुनाव लडने से क्यों रोका जा रहा है। भाजपा के बहुत सारे नेताओं पर मुकदमें है, सजा भी हैं, लेकिन कानून सिर्फ हमारे लिए है।
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बता दें कि साल 2018 में कोर्ट ने हार्दिक पटेल को बीजेपी विधायक के कार्यालय पर तोड़फोड़ और दंगा मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद हार्दिक पटेल ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन गुजरात हाई कोर्ट ने उन्हें बड़ा झटका दे दिया। गुजरात सरकार ने भी हार्दिक पटेल की हाई कोर्ट में दायर याचिका का विरोध किया था। सरकार ने तस्वीरों के रूप में मौजूद साक्ष्यों और दस्तावेज पेश किए, जिससे यह सिद्ध होता है कि घटना के दौरान वह वहां मौजूद थे।
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