आरयू ब्यूरो, लखनऊ। हिजाब विवाद मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट की फुल बेंच ने अपना फैसला सुना दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं है, हालांकि इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। देशभर के लोग इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी बीच योगी सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रघुराज सिंह ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए एक बार फिर इसपर विवादित बयान दे डाला है। रघुराज सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट ने आज फैसला दिया है, जबकि मैंने तो दो साल पहले ही कह दिया था कि भारत में हिजाब और बुर्का बैन होना चाहिए। बुर्का पहले ही करीब 17 देशों में बैन है। बुर्का में ढालकर गलत काम कराना चाहते हैं।
रघुराज सिंह ने आगे कहा, आदरणीय कोर्ट ने जो फैसला दिया है देशहित में है। यह देश तालिबान नहीं है कि यहां बुर्का जरूरी हो। बुर्का दैत्यों के वंशजों का है, इसलिए यह हमारे देश में होना ही नहीं चाहिए। महिलाओं की मूलभूत आवश्यकता बुर्का नहीं हैं, बल्कि रोटी, कपड़ा और मकान जैसी चीजें हैं। बुर्का में ढालकर गलत काम कराना चाहते हैं।
वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में ड्रेस कोड लागू करने पर रघुराज सिंह ने कहा, अलीगढ़ ही नहीं पूरे देश के शिक्षण संस्थानों में बुर्का बैन होना चाहिए। शिक्षा ग्रहण करने वाले मंदिर में जाने वालों को बुर्का की आवश्यकता नहीं है। बुर्के की आवश्यकता वहां है, जहां लोगों को अपने मजहब, धर्म और जाति में जाना हो। अन्यथा बुर्के की आवश्यकता इस देश में नहीं है। यह देवी-देवताओं का देश है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पूरे देश में कॉमन सिविल कोड लागू कर दें कि बुर्का बैन होना चाहिए।
वहीं, कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा हिजाब पर रोक लगाने को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान बनाया था वो सारे रीजन को देखते हुए बनाया था, लेकिन अब यह लोग संविधान भूल गए हैं। वहीं, एक छात्रा ने कहा है संविधान इस तरीके से बनाया था कि किसी की भावनाओं को ठेस ना पहुंचे। हमारे लिए क्या जरूरी है क्या जरूरी नहीं है, यह हमारे स्कॉलर बताएंगे। हाई कोर्ट ने भले ही इस मुद्दे को रद्द किया, लेकिन अब हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
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मालूम हो कि कर्नाटक में हिजाब का विवाद दिसंबर 2021 में उडुपी के सरकारी कॉलेज में शुरू हुआ था। यहां की कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि उनको हिजाब पहनने के चलते कैंपस और क्लास में प्रवेश नहीं करने दिया गया। छात्राओं ने विरोध किया और कहा कि कॉलेज उन्हें हिजाब पहनने से नहीं रोक सकता, क्योंकि ये उनकी धार्मिक स्वतंत्रता है। वहीं हिजाब पहनने का विरोध करने के लिए हिंदू छात्र भगवा गमछा और स्कार्फ पहन कर स्कूल-कॉलेज में आने लगे थे। राज्य के कई शहरों में तनाव बढ़ता देखकर कर्नाटक सरकार ने स्कूल-कॉलेज बंद कर दिये थे। वहीं इस मामले को लेकर कुछ मुस्लिम छात्राओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की।