आरयू वेब टीम। मेरा स्पष्ट मानना है कि एक राष्ट्र का भविष्य वही है जो आज के युवा सोचते हैं। आपके सपने भारत की वास्तविकता को आकार देने वाले हैं। इसलिए, ये समय भविष्य के लिए तैयार होने का है, ये टाइम अभी से आने वाले कल के लिए फिट होने का है।
उक्त बातें मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), गुवाहाटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर कही। पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘मुझे भलीभांति अहसास है कि इस महामारी के दौरान एकेडमिक सेशन को कंडक्ट करना, शोध को कामों को जारी रखना कितना कठिन रहा है, लेकिन फिर भी आपने ये सफलता पाई। आपके इस इच्छा शक्ति के लिए, देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आपके इस योगदान के लिए मैं आपको बधाई देता हूं।’
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बहु-विषयक बनाया गया है, विषयों को लचीलापन दिया गया है, कई प्रविष्टि-निकास के अवसर गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति एजुकेशन के टेक्नोलॉजी से जोड़ेगी। यानि, छात्र टेक्नोलॉजी के बारे में भी पढ़ेंगे, और टेक्नोलॉजी के जरिए भी पढ़ेंगे।’
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उन्होंने ये भी कहा कि देश में शोध संस्कृति को समृद्ध बनाना करने के लिए एनईपी में एक नेशनल रिसर्च फाउंडेशन का भी प्रस्ताव किया गया है। एनआरएफ रिसर्च फंडिंग को लेकर सभी निधिकरण एजेंसियों के साथ समन्वय करेगा और सभी विषयों चाहे वो विज्ञान हो या ह्यूमैनिटीज, सभी के लिए फंड मुहैया करेगा।
मुझे खुशी है कि आज इस दीक्षांत समारोह में हमारे करीब 300 युवा साथियों को पीएचडी अवार्ड की जा रही है, और ये एक बहुत सकारात्मक प्रवृत्ति है। मुझे विश्वास है कि आप सब यहीं नहीं रुकेंगे, बल्कि रिसर्ट आपके लिए एक आदत हो जाएगी, आपकी विचार प्रक्रिया का हिस्सा बनी रहेगी।