आरयू ब्यूरो, लखनऊ। विकास का कोई विकल्प नहीं हो सकता है। आम आदमी के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए विकास आवश्यक है, लेकिन साथ ही साथ विकास के लिए भूमि की आवश्यकता होती है। इसके लिए आपसी सहमति और सौहर्दपूर्ण वातावरण की आवश्यक होती है। जेवर एयरपोर्ट निर्माण के लिए हमने पहले चरण में ही 80 फीसद भूमि आपसी सहमति से क्रय कर ली है। यह किसानों और प्रशासन के बेहतर संवाद के माध्यम से ही संभव हो सका है।
उक्त बातें आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय जेवर एयरपोर्ट को बनाने में सहयोग के लिए किसानों को धन्यवाद देते हुए कही। जेवर एयरपोर्ट निर्माण के लिए अधिगृहीत की गई करीब 80 प्रतिशत भूमि के कब्जा प्रमाणपत्र किसानों ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपे।
यह भी पढ़ें- पुलिस के शहीद जवानों को याद कर बोले CM योगी, जनता में व्यापत हुई सुरक्षा की भावना
इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश की प्रगति और युवाओं के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे। साथ ही क्षेत्र का विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई वर्ष के दौरान प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस सपने को साकार करने की दिशा में बड़े कदम उठाए गए हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि हवाई जहाज की यात्रा हवाई चप्पल पहने वाला व्यक्ति भी कर सके, ऐसी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए।
वे तो लूट-खसूट में थे व्यस्त
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वास्तव में एक गरीब हवाई जहाज की यात्रा क्यों नहीं कर सकता, लेकिन पहले की सरकारों के पास यह सोच नहीं थी। गरीबों और किसानों के मुद्दों में पर चर्चा के लिए उनके पास फुर्सत नहीं थी। वे तो लूट-खसूट में व्यस्त थे। पिछली सरकारों की विकास के प्रति स्पष्ट सोच नहीं थी, जिसकी वजह से उप्र विकास में पिछड़ता रहा। हमने जेवर के लिए काम शुरू किया।
पारदर्शिता से ली गई जमीन
योगी ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट के लिए जिस पारदर्शिता से जमीन ली गई है, वह भी देश में इकलौता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि जब ढाई वर्ष पहले भाजपा की सरकार बनी तो प्रदेश में सिर्फ दो एयरपोर्ट लखनऊ और वाराणसी संचालन में थे, लेकिन आज सात एयरपोर्ट का संचालन शुरू हो चुका है। पहले यूपी में 17 ऐसी हवाई पट्टियां थीं जिन्हें चालू करने का काम शुरू हो चुका है। कुशीनगर में भी नया एयरपोर्ट बन रहा है।