INX मीडिया केस: पी चिदंबरम को SC से मिली जमानत, पासपोर्ट रहेगा जब्‍त, बयान देने पर भी रोक

सशर्त जमानत
पी चिदंबरम। (फाइल फोटो)

आरयू वेब टीम। लंबे समय के इंतजार के बाद बुधवार को देश की सर्वोच्‍च अदालत ने आइएनएक्‍स मीडिया केस में अरेस्ट पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए चिदंबरम को दो लाख के बॉन्ड और दो लाख के मुचलके के साथ ही सशर्त जमानत दी है।

कोर्ट की शर्तों के अनुसार चिदंबरम का पासपोर्ट जब्त रहेगा, ताकि वह देश छोड़कर ना जा पाएं। कोर्ट ने कहा है कि जेल से बाहर आने के बाद वह मीडिया से बात नहीं करेंगे। प्रेस इंटरव्यू और मीडिया में बयान देने पर रोक लगा दी गई है। इस दौरान वे किसी भी गवाह से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा, ‘अपराध की गंभीरता को हर मामले के तथ्यों और परिस्थितियों से निपटना पड़ता है। आर्थिक अपराध गंभीर अपराध हैं।

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गौरतलब है कि न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज किये जाने के फैसले के खिलाफ अपील पर गत 28 नवंबर को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस पर पर आज फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि न्यायालयों को मामले की प्रकृति के प्रति संवेदनशील होना होगा। अपराध की ‘गंभीरता’ को ध्यान में रखने के लिए दी जाने वाली शर्तों में से एक है निर्धारित सजा।

यहां बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में उन्हें पांच सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने गत गुरुवार को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान ईडी ने अदालत में कहा कि वह उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को भी अरेस्ट करना चाहती है और वे प्रॉटेक्शन हटने का इंतजार कर रहे हैं। बता दें, उनके खिलाफ सीबीआइ ने भी केस दर्ज किया था, जिसमें उन्हें जमानत मिल चुकी है। अब वह जेल से बाहर आ जाएंगे।

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वहीं चिदंबरम ने उनकी जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 15 नवंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। चिदंबरम की जमानत अपील पर सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने दावा किया था कि पूर्व वित्त मंत्री हिरासत में होने के बावजूद महत्वपूर्ण गवाहों पर अपना ‘प्रभाव’ रखते हैं, जबकि पूर्व वित्त मंत्री का कहना था कि जांच एजेन्सी इस तरह के निराधार आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा और करियर ‘बर्बाद’ नहीं कर सकती है।

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