आरयू ब्यूरो,लखनऊ। केंद्र सरकार द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्त दिए जाने को लेकर पूर्व आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर लगातार सरकार के फैसले पर सवाल उठाते रहे है। वहीं अब योगी सरकार ने अमिताभ ठाकुर को दी गई अनिवार्य सेवानिवृत्ति से संबंधित दस्तावेज देने से इनकार कर दिया है।
जिसपर अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि सरकार द्वारा मनमाने ढंग से उन्हें सेवा से निकाला जाना तथा अब उनकी जीविका से संबंधित सूचना भी नहीं देना अत्यंत दुखद है तथा सरकार की गलत मंशा को दिखाता है। पूर्व आइपीएस को गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुपालन में गत 23 मार्च को अनिवार्य सेवानिवृति दी गयी थी। उन्होंने शासन के इस निर्णय से संबंधित अभिलेख मांगे थे।
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इस संबंध मे अमिताभ ठाकुर की पत्नी एवं सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने बुधवार को बताया कि गृह विभाग के विशेष सचिव कुमार प्रशांत के हस्ताक्षर से निर्गत आदेश के अनुसार अमिताभ को उनकी अनिवार्य सेवानिवृति से संबंधित पत्रावली के नोटशीट, पत्राचार, कार्यवृत वगैरह की प्रति नहीं दी जा सकती क्योंकि ये सभी अभिलेख ‘अत्यंत गोपनीय’ प्रकृति के हैं जो उच्चतम स्तर के अधिकारियों के विचार-विमर्श तथा अनुमोदन से संबंधित हैं।
नूतन ठाकुर ने बताया कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इसी सिलसिले में सूचना का अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी देने से मना कर दिया था। बता दें कि खराब शासन के आरोप में गृह मंत्रालय ने उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी।