आरयू वेब टीम।
शनिवार को रेलवे टेंडर घोटाले के मामले में बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी व पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को नियमित जमानत मिल गयी है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उपस्थित अन्य को भी जमानत दे दी है। हालांकि बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के मौजूद नहीं रहने से उनको रेग्युलेर बेल देने पर फिलहाल फैसला नहीं किया गया है।
कहा जा रहा है आइआरसीटीसी घोटाला मामले में फंसें आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव फिलहाल हॉस्पिटल में हैं। डॉक्टरों ने उन्हें बेड रेस्ट बताते हुए कहीं आने-जाने से मना किया है। इसलिए वह कोर्ट नहीं पहुंचे थे।
वहीं आज सीबीआइ ने अदालत द्वारा नियमित जमानत दिए जाने पर विरोध जताया। सीबीआइ की ओर से कहा कि इस तरह से जमानत के चलते मामले की जांच प्रभावित हो सकती है। हालांकि अदालत ने सीबीआइ की दलील खारिज कर दी।
यह भी पढ़ें- छापे के बाद लालू का हमला, मिट्टी में मिल जाएंगे, लेकिन मोदी सरकार को हटाकर ही दम लेंगे
आरजेडी नेता भोला यादव ने मीडिया को बताया कि लालू रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं। डॉक्टरों ने उन्हें लंबी दूरी की यात्रा के लिए शारीरिक रूप से फिट नहीं बताया है। जेल अधिकारियों ने भी कोर्ट को सूचित कर दिया था कि वे सुनवाई के लिए पेश नहीं हो सकेंगे।
वहीं इस मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अब 19 नवंबर की तारीख दी है। इस दिन आरोपी लालू यादव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होंगे। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा फाइल किए इस केस में जमानत पाने वाले सभी लोगों को एक लाख रुपये का पर्सनल बॉन्ड भी जमा करना है।
बताते चलें कि मामले में आरोपित राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव को 31 अगस्त को ही जमानत मिल गई थी, लेकिन आज उसको रेग्युलर कर दिया गया।
जानें क्या था मामला
बताया जाता है कि वर्ष 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल के रखरखाव आदि के लिए आइआरसीटीसी को स्थानांतरित किया था। सीबीआइ के अनुसार इस दौरान नियम-कानून को किनारे करते हुए रेलवे का यह टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दे दिए गए थे।
जिसके बाद कोचर बंधुओं ने भी नियमों में हेर-फेरी करते हुए पटना स्थित तीन एकड़ की एक जमीन को यादव परिवार को मात्र 65 लाख रुपए में दे दी। जिसकी सही कीमत 94 करोड़ रुपए थी।