आरयू वेब टीम। मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी व पहाड़ों पर बारिश-बर्फबारी के बीच शुक्रवार को इस साल के मानसून को लेकर अनुमान जारी हुआ है। बताया जा रहा है कि इस साल मानसून सामान्य रहेगा। मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून के जरिए देश में 75 फीसद वर्षा होती है, जो कि इस साल सामान्य रहेगी।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. राजीवन ने एक वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि दा लॉन्ग पीरियड एवरेज (एलपीए) बारिश इस साल होगी। उन्होंने जून से सितंबर तक चार महीने की वर्षा अवधि के लिए पहली लॉन्ग रेंज पूर्वानुमान जारी किया है। आगे उन्होंने बताया कि मानसून एलपीए (एलपीए) का 98 फीसद होगा, जो सामान्य बारिश है।
मालूम हो कि हाल ही में मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली कंपनी स्काईमेट ने भी आगामी मानसून को लेकर जानकारी दी थी। कंपनी ने अनुमान लगाया था कि इस साल झमाझम बारिश होगी। देश के 75 फीसद हिस्से में जून से लेकर सितंबर के बीच मानसून की अच्छी बारिश का अनुमान जताया गया था।
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स्काईमेट के पूर्वानुमान के मुताबिक,जून से सितंबर के बीच सक्रिय रहने वाले मानसून सीजन में कुल 103 फीसद बारिश होगी, लेकिन उत्तरी क्षेत्र के मैदानी भागों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में पूरे सीजन में कम बारिश होने की आशंका है।
वहीं आंतरिक कर्नाटक, गुजरात व महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में थोड़ी कम बारिश होने का अनुमान जताया गया था। दूसरी तरफ पूर्वी राज्यों-बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में औसत से अधिक बरसात होने की संभावना जताई गई थी।