आरयू वेब टीम। इसरो जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस फैसले को पलटा है, जिसमें साइंटिस्ट नंबी नारायणन को फंसाने के चार आरोपितों को जमानत दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से कहा है कि वो चार हफ्तों के भीतर इन याचिकाओं पर फिर से फैसला करे, हालांकि चारों आरोपितों की गिरफ्तारी फिलहाल नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी निर्देश दिया है कि पांच हफ्ते तक किसी भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया जाए। यानी जब तक हाई कोर्ट में इस पर अंतिम फैसला नहीं आता है तब तक आरोपितों को गिरफ्तारी से सुरक्षा मिलेगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले की सुनवाई जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने की। याचिका में उन तमाम अधिकारियों की जमानत का विरोध किया गया था जिन पर आरोप है कि उन्होंने इसरो साइंटिस्ट नंबी नारायणन के खिलाफ साजिश रची थी और उन्हें झूठे केस में फंसाने का काम किया था।
मामले के आरोपितों में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यूज, गुजरात के पूर्व एडीजीपी आरबी श्रीकुमार और तीन अन्य शामिल हैं। 1994 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वैज्ञानिक नंबी नारायणन को फंसाने के लिए मैथ्यूज को अभियुक्तों में से एक के रूप में नामित किया गया था।
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28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 1994 में एक जासूसी मामले में एक साजिश का हिस्सा होने के आरोपित पूर्व पुलिस अधिकारियों को दी गई अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआइ द्वारा दायर अपीलों की एक श्रृंखला के आदेश के लिए आरक्षित कर दिया था। याचिकाकर्ताओं में से एक के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत से आग्रह किया था कि यदि मामले को उच्च न्यायालय में वापस भेजा जाता है तो उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की जाए।