मोदी सरकार का सुप्रीम कोर्ट को जवाब, कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद मौत के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं

सुप्रीम कोर्ट

आरयू वेब टीम। कोरोना वैक्सीन के कारण हुई लोगों की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार की ओर से यह जवाब दाखिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव के दौरान जिन लोगों की मौत हुई उनके परिजनों से सरकार पूरी हमदर्दी रखती है, लेकिन उनकी मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश होकर कहा कि ये मौतें नहीं होतीं, यदि टीके के खतरों के बारे में पूर्व में सूचना देकर सहमति ले ली जाती। इस पर केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा कि सहमति का सवाल वैक्सीन जैसे दवा के स्वैच्छिक उपयोग पर लागू नहीं होता है।

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बता दें, वैक्सीन लेने के बाद दो युवतियों की मौत हो गयी थी, जिसके बाद उनके माता-पिता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी। इस याचिका पर केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि, कोविड टीका लगवाने से हुई मौत के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। केंद्र ने कहा कि पीड़ित पक्ष सिविल कोर्ट में मुआवजे के लिए अपील कर सकता है।

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केंद्र ने कहा कि पहली याचिकाकर्ता रचना गंगू की बेटी है, जिन्होंने कोविशील्ड की पहली खुराक ली थी, खुराक लेने के एक महीने के अंदर उसकी मौत हो गई थी। दूसरे याचिकाकर्ता वेणुगोपालन गोविंदन हैं जिनकी बेटी ने भी बीते साल कोविशील्ड का पहला डोज लिया था और कुछ दिनों के बाद उसकी भी मौत हो गयी थी। केंद्र ने अपने दायर हलफनामे में कहा है कि मृतका में थ्रांबोसिस और टीटीएस के लक्षण देखे गए है।

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दरअसल कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच जब सरकार की ओर से वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरुआत की गई थी, उस समय बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई थी। वहीं, वैक्सीनेशन के बाद कई लोगों की मौत होने व बड़ी संख्‍या में लोागें की हालत बिगड़ने के भी मामले सामने आए थे। उन्‍हीं मौत को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

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