आरयू वेब टीम। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो ने स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल को सफलतापूर्वक शुक्रवार को लॉन्च किया। इस व्हिकल को छोटे सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए इस रॉकेट को तैयार किया गया है। इस आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। इस रॉकेट के जरिए दुनियाभर के छोटे सैटेलाइट को आसानी से लॉन्च किया जा सकता है।
एसएसलवी डी मिशन एसएसएलवी डी2 मिशन को तीन पेलोड के साथ लॉन्च किया गया। सतीश धवन स्पेस सेंटर से शुक्रवार को सुबह 9:18 बजे इस स्पेसक्राफ्ट ने उड़ान भरी और 15 मिनट तक अंतरिक्ष का सफर तय किया, इसके बाद इसने 450 किलोमीटर के सर्कुलर ऑर्बिट में सैटेलाइट की स्थापना की।
ये रॉकेट अंतरिक्ष में तीन सैटेलाइट यानि उपग्रहगों को छोड़ेगा। ये तीन सैटेलाइट इसरो की EOS-07, अमेरिका की एक फर्म अंतरिस का जानूस-1 और चेन्नई स्थित स्पेस स्टार्टअप कंपनी के सैटेलाइट AzaadiSAT-2 को लॉन्च करेगा। इसे धरती की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
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गौरतलब है कि इसरो की पहले टेस्टिंग उड़ान विफल हो गई थी, इसे पिछले साल नौ अगस्त को लॉन्च किया गया था, लेकिन इसरो को सफलता नहीं मिल सकी थी। अगर इस रॉकेट की बात करें तो इसकी कुल लंबाई 34 मीटर है और इसमे दो मीटर व्यास का व्हीकल लगा है, जिसके बाएं लेफ्ट का द्रव्यमान 120 टन है।
बुधवार को इसरो की ओर से ट्वीट करके बताया गया था कि इसकी लॉन्चिंग दस फरवरी को 9.18 बजे होगा। इस रॉकेट भारत के लिए एक बड़ी सफलता है क्योंकि इसकी मदद से अब आसानी से छोटे सैटेलाइट को लॉन्च किया जा सकता है।