गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट लॉन्च कर ISRO ने रचा इतिहास

टेस्ट व्हीकल
टेस्ट फ्लाइट हुई लॉन्च।

आरयू वेब टीम। बाधा और चुनौतियों को पार करते हुए इसरो ने आखिरकार गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट को लॉन्च कर दिया है। इसरो ने शनिवार को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गगनयान के क्रू मॉड्यूल को सफलता पूर्वक लॉन्च कर दिया है। इसे टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 और टेस्ट व्हीकल डेवलपमेंट फ्लाइंट (टीवी-डी1) कहा गया है।

इसरो चीफ एस सोमनाथ ने मीडिया को बताया कि टीवी-डी 1 (क्रू मॉड्यूल) मिशन का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण हो गया है। इसके लिए उन्होंने इसरो की पूरी टीम को बधाई दी है। बताया जा रहा है कि टेस्ट व्हीकल एस्ट्रोनॉट के लिए बनाए गए क्रू मॉड्यूल को अपने साथ ले गया। रॉकेट क्रू मॉड्यूल को लेकर 17 किलोमीटर ऊपर गया, इसके बाद बंगाल की खाड़ी में ये लैंड कर गया है।

शनिवार को टेस्ट मिशन सुबह 8:45 बजे लॉन्च किया जाना था और उसके लिए काउंटडाउन भी शुरू हुआ था, लेकिन पांच सेकंड बचे ही थे कि काउंटडाउन रुक गया और मिशन होल्ड पर चला गया। इसके बाद इसे दस बजे के लिए री – शेड्यूल किया गया और फिर इसे सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।

गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय मिशन के तहत मनुष्य को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भोजन और उसके बाद उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। क्रू मॉड्यूल के अंदर ही भारतीय अंतरिक्ष यात्री बैठकर धरती के चारो तरफ 400 किलोमीटर की ऊंचाई वाली निचली कक्षा में चक्कर लगाएंगे।

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‘क्रू मॉड्यूल’ रॉकेट में पेलोड है, और यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसे वातावरण के साथ रहने योग्य जगह है। इसमें एक दबावयुक्त धात्विक ‘आंतरिक संरचना’ और ‘थर्मल सुरक्षा प्रणालियों’ के साथ एक बिना दबाव वाली ‘बाहरी संरचना’ शामिल है। शनिवार को पहली परीक्षण उड़ान के दौरान ‘क्रू मॉड्यूल’ में लगी विभिन्न प्रणालियों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए डेटा प्राप्त किया जाएगा, जिससे वैज्ञानिकों को यान के प्रदर्शन की जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

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