आरयू वेब टीम। इसरों ने शुक्रवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग से पुष्पक विमान सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। इसे आरएलवी यानी री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल से लॉन्च किया गया है। ये आरएलवी-टीडी से करीब 1.6 गुना बड़ा बताया गया है। आरएलवी-टीडी की उड़ान 2016 और 2023 में लैंडिंग एक्सपेरिमेंट से किया जा चुका है। दो अप्रैल 2023 को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में इसरो, डीआरडीओ और आएएफ ने एक साथ मिलकर पुष्पक विमान का परीक्षण किया था।
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के प्रमुख का कहना है कि पुष्पक लॉन्च व्हीकल स्पेस तक पहुंच को सबसे किफायती बनाने वाला है। भारत का यह एक बड़ा प्रयास है। ये भारत का फ्यूचरिस्टिक री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल की तरह है। इसका ऊपरी भाग सबसे महंगा बताया गया है। इसमें महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स लगे हुए हैं। इस कारण ये स्पेस शटल उड़ान भरने के बाद सुरक्षित रूप से धरती पर वापसी कर सकता है।
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इसके बाद ये इन-ऑर्बिट सैटेलाइट और रिट्राइबिंग सैटेलाइट में री-फ्यूलिंग का काम भी करेगा।” इसरो चीफ के अनुसार, भारत स्पेस में मलबे को कम करने की कोशिश कर रहा है। पुष्पक विमान इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है।” दरअसल 2016 में आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से आरएलवी ने पहली बार उड़ान भरी थी। इसे बनाने में एक दशक का समय लगा। ये बंगाल की खाड़ी में सफलता पूर्वक वर्चुअल रनवे पर लैंड हुआ था, हालांकि, आरएलवी को रिकवर नहीं किया जा सका। योजना के अनुसार, ये समुद्र में समा गया।