ISRO ने लॉन्च किया कम्‍युनिकेशन सैटेलाइट CMS-01, मोबाइल और TV के सिग्नल बढ़ाने में करेगा मदद

कम्‍युनिकेशन सैटेलाइट
लॉन्चम होता इसरो का कम्यु निकेशन सैटेलाइट।

आरयू वेब टीम। भारत का 42 वां संचार उपग्रह गुरुवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भरोसेमंद रॉकेट पीएसएलवी-सी50 लॉन्च किया। आज का लॉन्च इसरो का साल 2020 का आखिरी लॉन्च है। यह लॉन्च आज दोपहर तीन बजकर 41 मिनट पर हुआ।

ये उपग्रह आपदा प्रबंधन और इंटरनेट कनेक्टिविटी में मदद करेगा। कोरोना महामारी के दौरान इसरो द्वारा किया गया ये दूसरा प्रक्षेपण है। सैटेलाइट के जरिए अंडमान निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप समेत भारत के विभिन्न हिस्सों में फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम के विस्तारित सी बैंड की सेवाएं मिलेंगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि उपग्रह का जीवन काल सात साल का होगा।

सीएमएस-01 (पूर्व नाम जीसैट-12आर) इसरो का 42 वां कम्युनिकेशन सैटेलाइट है और यह कम्युनिकेशन सैटेलाइट फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम के एक्सटेंडेड सी बैंड में सेवा उपलब्ध कराएगा, जिसके दायरे में भारत की मुख्य भूमि, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपसमूह होंगे। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन केंद्र से लांच हुआ यह 77वां लांच व्हीकल मिशन है। सीएमएस-01 को पृथ्वी की कक्षा में सबसे ऊंचे या दूसरे शब्दों में कहें तो 42,164 किलोमीटर के सबसे दूरस्थ बिंदु पर स्थापित किया जाएगा। इस कक्षा में स्थापित होने पर यह सैटेलाइट पृथ्वी के चारों तरफ उसी की गति से घूमेगा और पृथ्वी से देखे जाने पर आकाश में एक जगह खड़े होने का भ्रम देगा।

यह भी पढ़ें- ISRO की अंतरिक्ष में एक और कामयाबी, संचार उपग्रह जीसैट-30 लॉन्च, 5जी सेवा को मिलेगी रफ्तार

इसकी मदद से टीवी चैनलों की पिक्चर गुणवत्ता सुधरने के साथ ही सरकार को टेली-एजुकेशन, टेली-मेडिसिन को आगे बढ़ाने और आपदा प्रबंधन के दौरान मदद मिलेगी। यह सैटेलाइट 2011 में लांच जीसैट-2 टेलीकम्युनिकेशन सैटेलाइट की जगह लेगा। सीएमएस-01 अगले सात साल तक सेवाएं देगा। इससे पहले इसरो ने सात नवंबर को पीएसएलवी-सी49 (EOS-01) अर्थ ऑबजरवेशन सैटेलाइट और नौ कस्टमर सैटेलाइट को लॉन्च किया था। जो कोविड-19 महामारी के बीच इसरो का पहला मिशन था।

यह भी पढ़ें- इसरो ने PSLV-C49 से लॉन्च किया उपग्रह EOS-01, बादलों को भेद हाई रेज्योल्युशन की तस्वीर लेने में सक्षम