विधानसभा सत्र में केजरीवाल ने फाड़ीं कृष‍ि कानूनों की प्रतियां, पूछा और कितनी जान लोगे

'अंग्रेजों से भी बदतर' न बनें
कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ते केजरीवाल।

आरयू वेब टीम। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन आज 22वें दिन भी जारी है। इस बीच किसान आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौत पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आक्रोश व्यक्त करते हुए गुरुवार को केंद्र सरकार द्वारा पारित विवादित कृष‍ि कानूनों की प्रतियां फाड़ डालीं और चेतावनी देते हुए कहा कि आप ‘अंग्रेजों से भी बदतर’ न बनें। किसानों के विरोध प्रदर्शन पर चर्चा के लिए बुलाए गए दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में कड़ी टिप्पणी करते हुए केजरीवाल ने केंद्र से यह भी पूछा कि ”कोरोना महामारी के दौरान इन कानूनों को पारित करने की जल्दी क्या थी।”

विधानसभा में केजरीवाल ने कहा, ‘इन तीनों कानूनों को फाड़ते हुए दर्द हो रहा है, लेकिन देश का किसान ठंड में सड़कों पर है तो मैं उनकी पीड़ा के साथ खड़ा हूं। अभी तक 20 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं। मैं केंद्र से पूछना चाहता हूं और कितनी जान आप लोगे उसके बाद देश के किसानों की बात सुनोगे। 1907 में हूबहू ऐसा ही आंदोलन हुआ था, पगड़ी सम्भाल जट्टा। नौ महीने तक ये आंदोलन अंग्रेजों की खिलाफ चला था। उस आंदोलन की लीडरशिप भगत सिंह के पिता और चाचा ने की थी। उस वक्त भी अंग्रेज सरकार ने कहा था इसमे थोड़े बदलाव कर देंगे, लेकिन किसान डटे रहे। भगत सिंह ने भी क्या इसीलिए कुर्बानी दी थी कि आजाद भारत में किसानों को इस तरह आंदोलन करना पड़ेगा।’

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उन्होंने आगे कहा कि ”केंद्र का कहना है कि किसान को कानून समझ नहीं आ रहा… आज योगी आदित्यनाथ यूपी में बड़ी रैली कर रहे हैं… मैं सुन रहा था…वो कह रहे हैं तुम्हारी जमीन नहीं जाएगी, मंडी बन्द नहीं होगी ये फायदा है क्या? किसी से पूछो तो एक लाइन रटा रखी है किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकते हैं।”

वहीं कानून की कॉपी फाड़े जाने पर भाजपा ने कहा कि ये मुख्यमंत्री दिखावा कर रहे हैं। दिल्ली भाजपा ने ट्वीट कर कहा, ”केजरीवाल जी आपने तो 23 नवंबर को ही दिल्ली में केंद्र के कृषि कानून को लागू कर दिया था। किसान भाई और दिल्ली की जनता आपके दोहरे चरित्र से अब परिचित हो चुकी है। ये दिखावा करना बंद करें।”

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