आरयू वेब टीम।
जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उनके मैसूमा निवास से गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोठी बाग पुलिस स्टेशन स्थानांतरित कर दिया गया है। यासीन मलिक की पार्टी जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) ने उनकी गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है।
वहीं एक अधिकारी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।नेता यासीन मलिक की गिरफ्तारी के बाद केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर अर्द्धसैनिक बलों की सौ कंपनियों को जम्मू-कश्मीर भेजा है।
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मिली जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियों को ‘अर्जेंट नोटिस’ पर घाटी में भेजा है। इसमें सीआरपीएफ की 35, बीएसएफ की 35, एसएसबी की 10 और आइटीबीपी की भी 10 कंपनियां शामिल है। गृह मंत्रालय द्वारा जम्मू-कश्मीर के गृह सचिव, मुख्य सचिव और डीजीपी को भेजे गए फैक्स में कहा गया है कि घाटी में तत्काल प्रभाव से इन बलों की तैनाती की जानी है।
22 तारीख को भेजे गए इस फैक्स में सीआरपीएफ को इन बलों की तत्काल रवानगी की व्यवस्था करने को कहा गया है। इतने बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती क्यों की जा रही है इस बात को स्पष्ट नहीं किया गया है। हालांकि अभी किसी और के हिरासत में लिए जाने की पुष्टि नहीं की गयी है।
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बता दें कि पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी हमले के पांच दिन बाद अलगाववादियों की सुरक्षा हटा ली गई थी। इसमें मीर वाइज उमर फारुक और शब्बीर शाह का नाम प्रमुख था, वहीं अब यह कार्रवाई सामने आयी है।
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