आरयू वेब टीम।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कश्मीर में आतंकी फंडिंग को लेकर बड़ी छापेमारी की है। इसके साथ ही उन्होंने अलगाववादी नेताओं से पूछताछ भी की। एनआइए ने कश्मीर में अलगाववादियों के 14 और दिल्ली में 8 ठिकानों पर छापेमारी की है।
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भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी और अलगाववादी गुटों को पाकिस्तान से मिल रही वित्तीय मदद के पुख्ता सबूतों के हवाले से इस तंत्र के मूल में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के होने की बात कही है। इसकी पुष्टि एनआइए को अलगाववादी गुटों के सक्रिय कार्यकर्ताओं से पूछताछ में हुई है।
एनआइए ने पहले प्राथमिक जांच दर्ज की थी और इसे कल शाम को नियमित मामले (आरसी- रेगुलर केस) में तब्दील कर दिया। घाटी में अलगाववादी नेताओं की दूसरी पीढ़ी से जुडे लोगों के घरों पर तड़के तलाशी ली गई। रिपोर्ट की माने तो राजधानी दिल्ली में करीब आठ हवाला डीलरों और कारोबारियों के यहां भी छापेमारी की गयी है, जिनमें कट्टरपंथी अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अन्य नेताओं के करीबी सहयोगी और रिश्तेदार शामिल हैं।
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एनआईए की टीमों ने सोनीपत में दो स्थानों पर भी छापेमारी की है। छापेमारी की कार्रवाई अलगाववादी नईम खान, फारुक अहमद डार उर्फ ‘बिट्टा कराते’ और तहरीक-ए-हुर्रियत के गाजी जावेद बाबा से पिछले महीने दिल्ली में पूछताछ के बाद हुई है।
अलगाववादियों ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद से घाटी में सुरक्षा बलों पर पथराव करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और स्कूलों और अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों को जलाने सहित विध्वंसात्मक गतिविधियों के लिए कथित तौर पर कोष प्राप्त किया है।