आरयू ब्यूरो, लखनऊ/बांदा। मुख्तार अंसारी को स्लो प्वाइजन (जहर) देने के आरोप के बाद आज भोर में मुख्तार की तबीयत बिगड़ गई। बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को तबीयत खराब होने के बाद जेल से बांदा के मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कराया। मुख्तार को मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
इस संबंध में मुख्तार के भाई और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि आज तड़के उन्हें मोहम्मदाबाद थाने से एक संदेश प्राप्त हुआ जिसमें उन्हें बताया गया कि मुख्तार की तबीयत खराब है, उसे बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है तथा परिजन आकर मदद करें।
वहीं बांदा मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी एक मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, ‘मुख्तार अंसारी को भोर में तीन बजकर 55 मिनट पर पेट में दर्द की शिकायत होने पर भर्ती कराया गया था और चार-पांच दिनों से पेट में काफी दर्द था। उपचार शुरू हो गया है। वर्तमान में रोगी की हालत स्थिर है।’
बांदा मेडिकल कॉलेज पहुंचे मुख्तार के रिश्तेदार मंसूर अंसारी ने कहा कि उन्हें उनसे यह कहते हुए नहीं मिलने दिया गया कि वह इसके लिए बांदा जेल अधीक्षक से अनुमति लेकर आएं। मुख्तार से मुलाकात करके आए उसके वकील नसीम हैदर ने बताया ‘‘ उनकी हालत थोड़ी बेहतर हुई है। अल्ट्रासाउंड और अन्य रिपोर्टों का इंतजार है। उनके पेट में दर्द है।’’
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जेल प्रशासन के अनुसार, मुख्तार अंसारी को कल (25 मार्च) पेट मे थोड़ा दर्द था और टॉयलेट जाते वक्त वो गिर गए थे। इसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। फिलहाल अभी कोई पैनिक सिचुएशन नहीं है और मुख्तार की हालत स्थिर है। बांदा जेल की ओर से मुख्तार के परिवार को इसकी जानकारी दे दी गई है और उन्हें अस्पताल पहुंचने के लिए कहा।
हाल ही में मुख्तार अंसारी ने बांदा जेल में जान का खतरा बताया था और स्लो प्वाइजन देने का आरोप लगाया था। 21 मार्च को मुख्तार अंसारी की चर्चित एंबुलेंस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी होनी थी, लेकिन तबियत बिगड़ने के चलते वो पेश होने नहीं पहुंचे, बल्कि वकील ने कोर्ट में अर्जी लगा दी, जिसमें आरोप लगाया गया कि 19 मार्च की रात को मुख्तार को खाने में जहरीला पदार्थ दिया गया है।
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प्रार्थना पत्र में मुख्तार की ओर से यह भी लिखा गया था कि 40 दिन पहले खाने में किसी प्रकार का कोई धीमा जहर दिया गया, जिसके चलते खाना चखने वाले जेल स्टाफ की भी तबीयत खराब हो गई थी। इसके बाद 19 मार्च को खाने में फिर से जहर दिया जाना, किसी साजिश का हिस्सा है। मुख्तार ने अपनी अर्जी में कहा कि कृपया मेरा सही से डॉक्टरों की टीम बनाकर इलाज करवा दें।’ वहीं कहा यह भी जा रहा है कि जेल में जहर दिए जाने के मामले में जेल से जुड़े कुछ लोगों को संस्पेंड कर दिया गया है।