आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। शिक्षक निर्माण के लिए जाना जाता है। बाल मन को सम्यक दिशा की तरफ उन्मुख करने व जीवन जीने की कला सिखाने का काम शिक्षक का है। इसलिए शिक्षक चिंतामुक्त होकर के बच्चों को पढ़ाएं, साथ ही माध्यमिक विद्यालयों में जल्द ही शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा। ये बातें रविवार को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप मेें मौजूद उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कही।
उन्होंने आगे कहा कि रोजगार परक शिक्षा, पाठ्यक्रम, शोध पीठ को प्रदेश सरकार क्रियान्वित कर रही है। विश्वविद्यालय व माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में नकल पर नकेल लगाने के लिए पूरे सिस्टम में बदलाव किया गया है। अब केंद्रों का निर्धारण कंप्यूटर सिस्टम के माध्यम से पारदर्शिता पूर्ण किया जा रहा है।
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योगी सरकार के कामों पर बात करते हुए दिनेश शर्मा बोले कि एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को लागू करके सस्ती पुस्तकें सरकार ने उपलब्ध कराने का ऐतिहासिक काम किया। माध्यमिक विद्यालयों व यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की कमी को शीघ्र दूर किया जा रहा है। साथ ही दो साल से कम समय में सरकार ने 205 विद्यालय खोले हैं। जिनमें 166 विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया गया है। साथ ही डिप्टी सीएम ने इस मौके पर राष्ट्रीय शैक्षिक संगठन से आवाहन किया की शिक्षा व्यवस्था के गुणात्मक व पारदर्शी सुधार के लिए वो भी अपनी राय दें।
वहीं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने कहा की किसी भी संगठन को संचालित करने के लिए कार्यकर्ता, कार्यालय, कार्यक्रम व कोष की जरूरत होती। इनमें कार्यकर्ता जीवंत व्यक्ति है जो संगठन को ताकत देता है। संगठन के कार्यकर्ताओं के भाव और भाषा जब मेल खाती है तो संगठन शिखर पर पहुंचता है।
इस दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने शिक्षकों को उनके कर्तव्य के लिए आत्मचिंतन करने की सलाह देने के साथ ही संगठन की उपलब्धियों एवं शैक्षिक जगत में इसके योगदान की सराहना की।
वहीं उच्च शिक्षा संवर्ग के राष्ट्रीय प्रभारी महेंद्र कुमार ने उच्च शिक्षा में व्याप्त विसंगतियों के निराकरण के उपायें बताएं। साथ ही संगठन के नाते समाज के प्रति कर्तव्यों के निर्वहन का आग्रह किया।
स्थापना दिवस कार्यक्रम के पूर्व हुई बैठक में प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा की समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया। जिसके बाद शासन से निराकरण कराने का आग्रह उपमुख्यमंत्री से किया गया।
कार्यक्रम में डॉ. किरण लता डंगवाल, डॉ. हरनाम सिंह, डॉ. लवकुश मिश्रा, डॉ. राजदेव तिवारी, दिनेश गुप्ता, अजीत सिंह, कृष्ण त्रिवेदी, सुरेश पति त्रिपाठी, डॉ. विजय कर्ण, भगवती सिंह ,शिव शंकर सिंह, गोविंद तिवारी, डॉ. अम्बरीश सिंह, डॉ. संदीप बालियान सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहें। समारोह की अध्यक्षता करते हुए पवन सिंह चौहान ने अतिथियों व सम्मिलित समस्त शिक्षकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।