आरयू वेब टीम।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (अवंतीपुरा) के गोरीपुरा इलाके में सुरक्षाबलों के काफिले पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इसमें सीआरपीएफ के करीब 42 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि कई जवान गंभीर रूप से घायल हैं। बताया जा रहा है कि उरी अटैक के बाद यह सबसे बड़ा हमला है, जिसमें 19 जवान शहीद हुए थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हमले को पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के आत्मघाती दस्ते अफजल गुरु स्क्वाड के स्थानीय आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास ने अंजाम दिया। उसने 320 किलो विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो को सीआरपीएफ के काफिले में शामिल जवानों से भरी एक बस को टक्कर मारकर उड़ा दिया। काफिले में शामिल तीन अन्य वाहनों को भी भारी क्षति पहुंची है। घटना उस समय हुई जब सुरक्षाबलों का काफिला हाईवे पर पहुंचा। सीआरपीएफ के करीब ढाई हजार जवानों का काफिला 78 वाहनों में सवार होकर जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था।
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उसके बाद आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां भी चलाई। ब्लास्ट में सीआरपीएफ के करीब 42 जवानों की मौत हो गई, जबकि 44 जवान बुरी तरह से घायल हो गए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिनमें से कई की हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं हमले के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।
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घटना के ठीक बाद जैश-ए-मोहम्मद ने काफिले पर फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली, घाटी आधारित समाचार एजेंसियों को दिए एक टेली स्टेटमेंट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रवक्ता ने कहा कि यह फिदायीन हमला था। इसको अंजाम देने वाला ड्राइवर पुलवामा के गुंडई बाग का रहने वाला है। इसका नाम आदिल अहमद उर्फ वकास है।
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बता दें कि इससे पहले बुधवार को पुलवामा जिले के एक निजी विद्यालय में विस्फोट होने से कम से कम 12 विद्यार्थी घायल हो गए थे, पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार विस्फोट जिले में काकापुरा क्षेत्र के नरबल गांव में दोपहर के समय हुआ। विस्फोट से कक्षा 10वीं के 12 विद्यार्थी घायल हुए थे।