आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मात्र एक महीना पहले एलडीए उपाध्यक्ष की कुर्सी संभालने वाले आइएएस अफसर इंद्रमणि त्रिपाठी लगातार अपने फैसलों से विभाग की छवि सुधारने की कोशिश कर रहें हैं। इसी क्रम में मंगलवार को वीसी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए जनेश्वर मिश्रा व लोहिया समेत एलडीए के 26 प्रमुख पार्कों में होने वाले सफाई के ठेके की प्रथा को समाप्त कर दिया है।
एलडीए में करीब नौ सौ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तैनात होने के बाद इंजीनियर व अफसर पार्कों की सफाई के टेंडर के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रहें थे। जनता की कमाई का करोड़ों खर्च होने के बाद भी जेनश्वर व लोहिया समेत एलडीए के अन्य पार्को का हाल ही में निरीक्षण के दौरान एलडीए वीसी को कई जगाहों पर गंदगी व बदहाली ही मिली थी।
एलडीए में कर्मचारियों की पर्याप्त मौजूदगी व करोड़ों के टेंडर के बाद पार्कों की बदहाली से नाराज वीसी ने मंगलवार को आदेश जारी करते हुए न सिर्फ पार्कों में सफाई के टेंडर की प्रथा को समाप्त किया, बल्कि अब इन पार्कों की सफाई के लिए एलडीए के ही फिलहाल 72 कर्मचारियों को तैनात करने का आदेश जारी कर दिया। वीसी के इस आदेश से टेंडर मैनेज करने के लिए एलडीए में चर्चित इंजीनियर व अफसरों में हलचल है।
कैंसिल कर चुके हैं चार करोड़ दस लाख का टेंडर
बताते चलें कि इससे पहले भी शिकायत मिलने पर इंद्रमणि त्रिपाठी ने सीजीसीटी में मियावाकी पार्क बनाने के नाम पर किए गए चार करोड़ दस लाख के टेंडर को कैंसिल कर दिया था, बल्कि टेंडर कराने वालों पर भी नकेल कस चुके हैं। कहा जा रहा है कि वीसी को यह भी शिकायत मिलीं थीं कि कुछ इंजीनियर ठेकेदारों से पार्टनर्शिप कर 30 से 40 लाख रुपए तक के कामों को ब्रेक कर दस लाख के अंदर के तीन से चार टेंडर करा रहें थे। ऐसी निविदाएं ई-टेंडर की जगह बक्से के माध्यम से कराई गयीं हैं।
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बक्से से टेंडर मैनेज कराने वालों को सता रहा कार्रवाई का डर
पूर्व में भ्रष्टाचार के मामले में इंद्रमणि त्रिपाठी की कार्रवाईयों को देखते हुए अब ऐसे टेंडर मैनेज कराने वाले इंजीनियर-अफसरों को कार्रवाई का डर सता रहा है। उन्हें लग रहा है कि वीसी ने अगर बीते एक-दो साल के टेंडर में सिर्फ यही देख लिया कि कितने टेंडर नौ लाख से अधिक और दस लाख से कम की धनराशि पर कराएं गए हैं तो उनकी एलडीए से छुट्टी हो जाएगी।
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वहीं पार्कों की सफाई के मुद्दे पर उपाध्यक्ष ने इंजीनियरों के साथ बैठक कर कहा कि एलडीए द्वारा शहर के अलग-अलग इलाकों में 26 प्रमुख पार्कों का अनुरक्षण किया जा रहा है, जिसमें 18 नजूल पार्क हैं। अब विभागीय कर्मचारियों से ही पार्कों में सफाई कराई जाएगी। इसके लिए कर्मियों की शिफ्टवार ड्यूटी लगाएं और उन्हें पर्याप्त मात्रा में डस्टिंग व क्लीनिंग के उपकरण व केमिकल आदि उपलब्ध कराएं।
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काम करते नहीं या आप करवा नहीं पाते
वहीं बैठक में अप्रत्यक्ष रूप से पार्क में सफाई के ठेके का समर्थन की भी आवाज उठी। वीसी से कहा गया कि कर्मचारी काम नहीं करते। जिसपर उपाध्यक्ष ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि काम नहीं करते या आप लोग करवा नहीं पाते, लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे कर्मियों को चिन्हित कर उनपर कार्रवाई कीजिए। सबकी जवाबदेही तय होगी।
पार्कों में लगी प्रतिमाओं की बदहाली पर भी वीसी ने बैठक में निर्देश जारी किए। उपाध्यक्ष ने कहा कि महापुरूषों व राष्ट्रीय प्रतिमाओं की नियमित रूप से सफाई करायी जाए।
आजादी महोत्सव को देखते हुए तय समय में संवारे पार्क
उपाध्यक्ष ने बताया कि इस वर्ष देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर आयोजित होने वाले आजादी अमृत महोत्सव के तहत अगामी 11 से 17 अगस्त तक स्वतंत्रता सप्ताह मनाया जाना है। इसको देखते हुए संबंधित इंजीनियरों को निर्देश दिया गया है कि वह सभी पार्कों में सफाई, औद्यानिकीकरण, रंगाई-पुताई व सजावट के काम प्राथमिकता के आधार पर पूरे कराएं।
तीन क्लस्टर में बंटे नजूल के पार्क
वहीं आज वीसी ने नजूल पार्कों के बेहतर अनुरक्षण व देखरेख के लिए इन्हें तीन क्लस्टरों में विभाजित करने के निर्देश दिये हैं। इसके अंतर्गत जीपीओ पार्क, पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क, सरोजनी नायडू पार्क, राजाराम पाल सिंह पार्क व बटलर पार्क का प्रथम क्लस्टर बनाया गया है।
वहीं, शहीद स्मारक पार्क, बेगम हजरत महल पार्क, सुभाष चौराहा पार्क, लक्ष्मण जी पार्क व अवध कुंज पार्क को द्वितीय क्लस्टर में शामिल किया गया है। इसके अलावा आचार्य नरेंद्र देव समाधि स्थल पार्क, सूरज कुंड पार्क, ग्लोब पार्क, गुलाब पार्क, पतंग पार्क, गौतम बुद्धा पार्क, नींबू पार्क व चौक स्थित लोहिया पार्क का क्लस्टर तीन होगा।
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जोन छह के एक्सईएन संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि सहायक अभियंता नवीन शर्मा व केपी गुप्ता के अलावा जेई अंबरीश कुमार शर्मा, रवि राय और हसन रजा को इन तीनों क्लस्टर के पार्कों की जिम्मेदारी दी गयी है।
सभी पार्कों में तैनात होगें सिक्योरिटी गार्ड
आज बैठक में उपाध्यक्ष ने नजूल के पार्कों की सुरक्षा-व्यवस्था की भी समीक्षा की। जिसमें सामने आया कि कुछ पार्कों में गार्ड तैनात नहीं है, जिसके चलते अराजक तत्व पार्क में डेरा जमा लेते हैं और परिसर में गंदगी फैलाते हैं। इस पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी पार्कों में दो-दो सिक्योरिटी गार्ड तैनात किये जाएं और अराजक तत्वों की घुसपैठ को प्रभावी ढंग से रोका जाए।
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बैठक में सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह, प्रभारी मुख्य अभियंता अवधेश कुमार तिवारी समेत संबंधित जोनल अधिकारी व अधिशासी अभियंता भी मौजूद रहें।