आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। आवास विकास परिषद के मुख्यालय में आज आवास एवं शहरी नियोजन राज्यमंत्री सुरेश पासी ने प्रगति समीक्षा बैठक कर अफसरों के पेंच कसे। बैठक में आवास विकास के ग्लोबल कन्सलटेंसी सेल तथा आवासीय योजनाओं में निर्माणाधीन आवसीय भवनों के संबंध में चर्चा की गई।
समीक्षा में परियोजनाओं के निर्माण कार्य पूरे होने में विलंब होना, परिषद के मार्केटिंग सिस्टम में सुधार, भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई में विलंब तथा बिना आवासीय मांग के सापेक्ष फ्लैट के निर्माण बिंदु पर विचार-विमर्श किया गया।
वहीं राज्य मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि भविष्य की योजनाओं के लिये भूमि बैंक (लैंड बैंक) तैयार करें तथा अधिग्रहित की गई जमीनों का समय से मुआवजा संबंधित किसानों को दिये जाने का भी ध्यान रखें। वही टेण्डर प्रक्रिया में ई-टेण्डरिंग व्यवस्था को कड़ाई से लागू कराया जाए। कार्यप्रणाली सुधारने के साथ ही राज्य मंत्री ने विभाग के कुछ जिम्मेदारों को सुधरने की भी हिदायत दी।
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साथ ही मंडोला व गाजियाबाद तथा मेरठ के किसानों के धरना-प्रदर्शन का समाधान किए जाने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जो भवन बनने हैं, उनके लिए शहरों में जो भी नजूल सीलिंग आदि की भूमि है, उसे तत्काल प्रभाव से चिन्हित कर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए।
प्रमुख सचिव आवास मुकुल सिंघल ने बताया कि वर्तमान में ग्लोबल सेल के अधीन 23 शासकीय विभागों की 673 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इस वित्तीय वर्ष में कोई काम न होने के कारण निर्देश दिए गए कि शासकीय विभागों से समन्वय बनाकर कार्य प्राप्त किए जाए। इसके साथ ही किए गए कामों का फीडबैक अन्य विभागों से लिया जाए। जिन परियोजनाओं में कमियां हों, उनमें सुधार किए जाने के निर्देश दिए गए।
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वहीं आवास आयुक्त धीरज साहू ने बैठक दावा किया कि परिषद द्वारा संचालित सभी योजनाओं में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही ई-टेण्डरिंग व्यवस्था का अनुपालन हर स्तर पर सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने इंजीनियरों व अधिकारियों से परिषद की नजूल भूमि का पूरा विवरण उपलब्ध कराने के साथ ही भूमि को सुरक्षित करने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
समीक्षा बैठक में राज्यमंत्री आवास, प्रमुख सचिव आवास, आयुक्त आवास के अलावा, विशेष सचिव आवास राजेश पाण्डेय, अपर आवास आयुक्त महेंद्र कुमार समेत तमाम इंजीनियर और अधिकारी भी मौजूद रहे।