आरयू ब्यूरो,लखनऊ। कृषि कानून के रद्द होने की घोषणा के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने किसानों को बधाई देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को ये फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था। यदि केंद्र सरकार यह फैसला काफी पहले ले लेती तो देश अनेक प्रकार के झगड़ों से बच जाती। मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी की केंद्र सरकार से मांग है कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, केंद्र सरकार उन्हें उचित आर्थिक मदद दे और उनके परिवार में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी जरूर दें।
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आज मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी इस बात पर जोर दे रही है कि केंद्र और राज्य सरकारों को अनावश्यक विवादों से बचने के लिए कोई भी कृषि कानून बनाने से पहले किसानों से सलाह लेने की जरूरत है। विरोध के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को आर्थिक मदद देने के अलावा, बसपा अध्यक्ष ने उनके प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की। उन्होंने कहा, “जब उन्होंने तीन कानूनों को वापस ले लिया है, तो उन्हें भी हमारी पार्टी की इस मांग को स्वीकार करना चाहिए।”
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गौरतलब है कि मोदी सरकार ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि तीनों कृषि कानून देश के छोटे किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए लाए गए थे और कृषि विशेषज्ञों से चर्चा के बाद ही इन कानूनों का प्रारूप बनाया गया था। पीएम ने कहा कि शायद हमारी ही तपस्या में कोई कमी रही होगी, जो हम देश के किसानों को इन कृषि कानूनों के सही लाभ नहीं बता पाए।