आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काम छोड़कर आंदोलन करने वाले कर्मचारियों केे पेंच कसे हैं। उन्होंने ऐसे कर्मचारियों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश में अब डंडे व झंडे से दबाव बनाकर नहीं, काम करके ही व्यवस्था चल सकेगी। उन्होंने कहा कि संगठन का मतलब ट्रेड यूनियन नहीं होना चाहिए।
उक्त बातें शुक्रवार को उन्होंने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर सेवा संघ के 52 वें वार्षिक अधिवेशन को बतौर मुख्य अतिथि लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि संघर्ष का रास्ता अपनाने से समस्याएं खड़ी होंगी, जबकि हर रास्ता संवाद से ही निकलेगा।
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वहीं इस दौरान योगी ने कर चोरी व व्यापारियों के शोषण पर जीएसटी को लेकर व्यापारियों के साथ परस्पर विश्वास कायम करने को कहा। उन्होंने कहा कि हमें इस तरह संवाद स्थापित करना चाहिए कि टैक्स चोरी रुके। व्यापारी स्वत: भाव से जीएसटी से जुड़ें और वन नेशन, वन टैक्स की अवधारणा को अंगीकार करें।
यूपी सबसे बड़ा कंज्यूमर स्टेट
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमें व्यापारियों से जुड़ी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए प्रयास करना चाहिए, ताकि हमारे और व्यापारियों के बीच में बेहतर समन्वय और विश्वास उत्पन्न हो। वहीं यूपी को सबसे बड़ा कंज्यूमर स्टेट बताते हुए बोले कि यहां पर जीएसटी के लिए सबसे अधिक संभावनाएं भी हैं। इन संभावनाओं को वास्तविकता में बदलना आप सबकी जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर पिछले तीन महीने केे रेवन्यू का भी जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि रेवन्यू काफी अच्छा आया है। आपके विभाग के आंकड़े बहुत उत्साहवर्धक रहे हैं। सात लाख से बढ़ाकर 13 लाख व्यापारियों को उत्तर प्रदेश में जीएसटी के तहत रजिस्टर किया गया है।
अपनी योजना की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमने सफलता पूर्वक 7वां वेतन आयोग सभी संवर्गों के लिए लागू किया, जबकि कुछ राज्यों में अब तक 5वां वेतन आयोग ही लागू है। हम प्रदेश की जनता के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। अधिवेशन के अवसर पर योगी ने सभी को बधाई देने के साथ ही उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर सेवा संघ की स्मारिका-संवाद के वार्षिकांक का लोकार्पण भी किया।