आरयू वेब टीम।
खराब मौसम के कारण कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर निकले 1500 से अधिक भारतीय तीर्थयात्री तिब्बत के पास नेपाल के पहाड़ी इलाके में फंसे हुए हैं। इन तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए भारत ने नेपाल से मदद मांगी है। इस संबंध में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को सोशल मीडिया के माध्यम से बताया।
Indian pilgrims stranded in Nepal – There are about 525 pilgrims stranded in Simikot, 550 in Hilsa and another 500 in Tibet side. /1 #IndiansStrandedInNepal
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 3, 2018
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि करीब 525 तीर्थयात्री सिमिकोट में, 550 तीर्थयात्री हिलसा में और करीब 500 तीर्थयात्री तिब्बत के पास फंसे हुए हैं। भारत ने नेपाल सरकार से वहां फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए सेना का हेलीकाप्टर देने का आग्रह किया है। साथ ही सुषमा स्वराज ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत ने तीर्थ यात्रियों एवं उनके परिवारों के लिए हॉटलाइन स्थापित की है और उन्हें तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषा में सूचनाएं प्रदान की जाएगी।
यह भी पढ़ें- J-K: खतरे के निशान से ऊपर उठी झेलम नदी, बाढ़ अलर्ट जारी, रोकी गई अमरनाथ यात्रा
सुषमा ने ट्वीट कर दी जारी किए गए हॉटलाइन नंबर की जानकारी –
Pl RT
Pranav Ganesh First Secy +977-9851107006
Tashi Khampa +977-98511550077
Tarun Raheja +977 9851107021
Rajesh Jha +977 9818832398
Yogananda +977 9823672371 (Kannada)
Pindi Naresh +977 9808082292 (Telugu)
R Murugan +977 98085006 (Tamil)
Ranjith +977 9808500644 (Malayalam)— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 3, 2018
विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने नेपालगंज एवं सिमिकोट में प्रतिनिधि तैनात किए हैं। वे तीर्थयात्रियों के सम्पर्क में है और उन्हें भोजन एवं आवास मुहैया करा रहे हैं। सुषमा ने कहा कि सिमिकोट में बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच की गई है और सभी तरह की चिकित्सा मदद भी उपलब्ध करायी जा रही है।
Indian Embassy in Nepal has deployed representatives in Nepalganj and Simikot. They are touch with the pilgrims and ensuring that food and lodging facilities are available to all the pilgrims. /2 #IndiansStrandedInNepal
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 3, 2018
बता दें कि चीन के तिब्बत स्वायत्त इलाके में स्थित कैलाश मानसरोवर हिन्दुओं, बौद्ध एवं जैन धर्म के लोगों के लिए पवित्र स्थान माना जाता है और हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में तीर्थयात्री वहां जाते हैं।
यह भी पढ़ें- अमरनाथ यात्रियों को हिजबुल का संदेश, कहा श्रद्धालुओं पर हमला करना हमारा मकसद नहीं