आरयू वेब टीम।
करीब ढाई दिन चले राजनीतिक दांव-पेंच के बाद आखिरकार शनिवार को कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार गिर ही गयी। विधानसभा चुनाव के बाद बिना पूर्ण बहुमत के ही मुख्यमंत्री बने बीएस येदियुरप्पा ने आज भावुक होते हुए अपना इस्तीफा दे दिया। इससे पहले उन्होंने एक भावुक भाषण देते हुए फ्लोर टेस्ट करने से इनकार किया।
कर्नाटक विधानसभा में बीएस येदियुरप्पा ने विश्वास मत प्रस्ताव पेश करने के साथ ही कहा कि उनकी अग्नि परीक्षा है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगर अभी बीच में चुनाव होता है तो हमें 150 से ज्यादा सीटें मिलेगी इस बात का हमें विश्वास है।
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बेहद भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी की सरकार होती तो राज्य में विकास होता। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि वो जनता के लिए जान भी दे सकते है।
कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बनने का रास्ता साफ
वहीं दूसरी ओर भाजपा की सरकार गिरते हुए कांग्रेस और जेडीएस के खेमे में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर लोग एक दूसरे को बधाई देकर जश्न मना रहें हैं। इसी के साथ अब कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है।
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दोहराया गया इतिहास
यहां आपको बताते चलें कि आज इतिहास ने एक बार खुद को दोहराया है। 1996 में संसद में बहुमत परीक्षण के दौरान तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी ने इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि उनके पास भी बहुमत नहीं थी। आज 22 साल के बाद बीजेपी के सीएम ने इतिहास दोहराते हुए कर्नाटक में इस्तीफा दिया है।
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