आरयू ब्यूरो,वाराणसी। स्वर कोकिला लता मंगेशकर की अस्थियों का कलश लेकर मंगलवार को मुंबई से लता मंगेशकर की बहन उषा मंगेशकर अपने अन्य परिजनों के साथ वाराणसी पहुंचीं। जहां वैदिक रीति से पूजन के बाद काशी में गंगा के मध्य धारा में अस्थि विसर्जित कर दी गईं। घाट पर मौजूद परिजनों ने नम आंखों से लता को अंतिम विदाई दी।
इससे पूर्व अहिल्याबाई घाट पहुंचने पर अस्थि कलश का पूजन पुरोहित ने कराया। अस्थि कलश का पूजन कर परिजनों ने पुष्प अर्पित किए। विधि-विधान पूर्ण करने के बाद गंगा की मध्य धारा में अस्थियां प्रवाहित कर दी गईं। इस दौरान परिवार भावुक नजर आया।
स्वर कोकिला के परिवार ने उनकी अस्थियों का विसर्जन पवित्र तीन स्थानों पर करने का फैसला किया। 10 फरवरी को लता जी का अस्थि विसर्जन नाशिक के रामकुंड में किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, काशी के बाद अब हरिद्वार में भी लता मंगेशकर की अस्थियों के एक कलश का विसर्जन किया जा सकता है।
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बता दें, लता जी अस्थियों को तीन जगहों पर विसर्जन की बात कही गई थी। काशी और नासिक में विसर्जन किया जा चुका है। स्वर कोकिला लता मंगेशकर को आठ जनवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 92 साल की लता ताई का निधन हुआ था। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ दाह-संस्कार आदि किया गया था।