कथावाचक की पिटाई पर भड़के अखिलेश, ‘वर्चस्ववादी ताकतें धार्मिक कार्यों में भी रखना चाहती एकाधिकार’

कथावाचक की पिटाई
प्रेसवार्ता में बोलते अखिलेश यादव।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। इटावा में कथावाचक की पिटाई पर भड़के सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने आज कहा है कि कुछ वर्चस्ववादी ताकतें कथावाचन जैसे धार्मिक कार्यों में भी अपना एकाधिकार कायम रखना चाहती हैं। इसी प्रवृत्ति के कारण ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं सामने आ रही हैं। अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में न्याय की कमी है और वंचित वर्गों को लगातार अपमानित किया जा रहा है।

अखिलेश ने आज लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता में कहा कि इटावा की घटना दर्शाती है कि अब भी समाज में कुछ ताकतें जाति और वर्चस्व के नाम पर भेदभाव कर रही हैं। उन्होंने कहा, “अगर कोई सच्चा कृष्ण भक्त है और कथा सुनाना चाहता है, तो उसे रोका जाना उसके आत्मसम्मान और धार्मिक स्वतंत्रता का अपमान है।” साथ ही ये भी कहा कि कथावाचन जैसे पवित्र कार्य को कुछ वर्गों के विशेषाधिकार तक सीमित कर देने की कोशिश की जा रही है, जो न केवल संविधान के खिलाफ है बल्कि सामाजिक समरसता को भी चोट पहुंचाता है।

वहीं विरोधियों को निशाने पर लेकर उन्होंने पूछा कि जो लोग पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग से चढ़ावा और दान स्वीकार करते हैं, क्या वे सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करेंगे कि उनका चढ़ावा स्वीकार नहीं किया जाएगा? सपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि सरकार को संविधान की प्रस्तावना और बाबा साहब के विचारों के अनुरूप कार्य करना चाहिए, तभी सभी नागरिकों को सम्मान मिल सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में पीडीए वर्ग के लोगों का योजनाबद्ध तरीके से हाशियाकरण किया जा रहा है।

इतना ही नहीं सपा प्रमुख ने कहा कि देश के सर्वोच्च पद (राष्ट्रपति) पर बैठने वाले व्यक्ति को भी हेय दृष्टि से देखा गया। जब इतना बड़ा पद अपमानित होता है, तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है

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इस मौके पर अखिलेश यादव ने इटावा मामले के पीड़ित कथावाचकों को सम्मानित भी किया। उन्हें 21-21 हजार रुपये की राशि भेंट की गई और समाजवादी पार्टी की ओर से 51-51 हजार रुपये की मदद देने की घोषणा की गई। अखिलेश यादव ने अंत में कहा कि समाज में समानता और सम्मान के लिए लड़ाई जारी रहेगी और सपा हर उस व्यक्ति के साथ खड़ी है जो अन्याय का शिकार हुआ है।

बता दें कि इटावा जिले के दांदरपुर गांव में कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों के एक समूह ने एक धार्मिक उपदेशक और उसके सहयोगी से मारपीट और महिला के पैर पर नाक रगड़वाने के साथ ही सिर मुंडवा दिया। क्योंकि उन्हें पता चला कि वे यादव जाति से हैं। मुंडवाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और मुख्य आरोपित समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। चारों आरोपितों की पहचान आशीष तिवारी, उत्तम कुमार अवस्थी, निक्की अवस्थी, मनु दुबे के रूप में हुई है।

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