आरयू वेब टीम। केंद्र की मोदी सरकार की ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि देश को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की नहीं, बल्कि ‘एक राष्ट्र, एक शिक्षा’ और ‘एक राष्ट्र, एक इलाज की जरूरत है।
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केजरीवाल ने आज एक्स पर पोस्ट कर पीएम मोदी से किया है कि “देश के लिए क्या आवश्यक है? एक राष्ट्र, एक चुनाव या एक राष्ट्र, एक शिक्षा (अमीर या गरीब सभी के लिए समान गुणवत्ता वाली शिक्षा) या एक राष्ट्र, एक स्वास्थ्य सेवा (अमीर या गरीब सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुंच)। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ से आम आदमी को क्या फायदा होगा।”
ध्यान भटकाने के लिए कर रही ऐसा
इससे पहले आप सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि भाजपा सरकार हिंडनबर्ग रिपोर्ट 2.0 से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रही है। भारद्वाज ने कहा था, “मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि ये हिंडनबर्ग रिपोर्ट 2.0 के वास्तविक मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए सिर्फ एक बहस है। केंद्र सरकार ‘इंडिया गठबंधन’ की बढ़ती लोकप्रियता से डरी हुई है और वह समय से पहले चुनाव कराने पर जोर दे सकती है।”
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दरअसल हाल में मुंबई में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक के दिन भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अचानक ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए आठ सदस्यीय समिति के गठन का ऐलान किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद होंगे। वहीं गृह मंत्री अमित शाह, गुलाम नबी आजाद, एन के सिंह, सुभाष कश्यप, अधीर रंजन चौधरी और अन्य इसके सदस्य होंगे। हालांकि, अधीर रंजन ने समिति में राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे को नहीं रखने का विरोध करते हुए उसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है।