आरयू वेब टीम। दिल्ली बॉर्डर पर हो रहे किसानों के आंदोलन के बीच केंद्र सरकार के मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर मोर्चा संभाल लिया है। केंद्रीय मंत्रियों ने सफाई देते हुए किसानों से अपील की है कि वो कृषि कानून को लेकर गलतफहमी में ना रहें। किसानों की फसल खरीदने के लिए तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म नहीं किया गया है। नया कृषि कानून किसानों के हित में है।
वहीं सोमवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट करके कहा, ‘कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज्यादा एमएसपी पर बेचा। एमएसपी भी जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है।’
वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने ट्वीट में कहा कि, ‘नए कृषि कानून एपीएससी मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी दी है, जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पाएगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर।’
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गौरतलब है कि सरकार बातचीत को तैयार है, लेकिन किसान दिल्ली बॉर्डर पर अड़े हैं कि बातचीत यहीं होगी। किसान न तो दिल्ली पुलिस द्वारा तय किए गए प्रदर्शन स्थल पर जा रहे हैं और ना ही दिल्ली बॉर्डर से हट रहे हैं। किसानों के इस ऐलान के बाद सरकार की टेंशन बढ़ी हुई है।
बता दें रविवार को किसान संगठनों की मीटिंग के बाद किसानों ने साफ कर दिया कि किसान प्रदर्शन के लिए बुराड़ी नहीं जाएंगे और दिल्ली के पांच प्वाइंट पर धरना देंगे। किसानों की मांग है कि सरकार बिना शर्त उनसे बातचीत करे और उन्हें रामलीला मैदान या जंतर-मंतर पर आंदोलन करने की इजाजत दे।
देर रात हुई केंद्रीय मंत्रियों की हाई लेवल बैठक
रविवार को देर रात बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर हाई लेवल मीटिंग हुई थी। मीटिंग में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे।