कृषि बिल का विरोध करने वाले विपक्षी दलों को प्रकाश जावेडकर ने बताया “बिचौलियों के बिचौलिए”

बिचौलियों के बिचौलिए
मीडिया के सामने अपनी बात रखते प्रकाश जावेडकर।

आरयू वेब टीम। हाल ही में पास किए गए कृषि बिलों के विरोध करने वाला पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पलटवार किया है। प्रकाश जावेडकर ने आज कृषि कानूनों का विरोध कर रही पार्टियों को ‘बिचौलियों के बिचौलिए’ की तरह काम करने वाला बताया है।

रविवार को गोवा में आयोजित प्रेसवार्ता में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री ने कहा है कि वास्तविक स्थिति यह है कि किसानों को उनकी पैदावार की कम कीमत मिलती है, जबकि उपभोक्‍ता ऊंचे दाम पर इसे खरीदते हैं। उन्होंने कहा कि बिचौलिए कीमतों में वृद्धि करते हैं और कृषि कानून इन बिचौलियों को खत्म कर इस समस्या को दूर करता है।

जावड़ेकर ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा है कि मुझे लगता है कि विपक्षी पार्टियां बिचौलियों के लिए बिचौलिया बन गई हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध अपने आप समाप्त हो जाएगा।

साथ ही मोदी सरकार के मंत्री ने कहा कि, ‘‘झूठ कम समय तक जिंदा रहता है जबकि सत्य हमेशा रहता है।’’ कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कृषि कानूनों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। मैं उनसे कहता हूं कि वे अपना घोषणापत्र देखें। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी अपने भाषणों में इन (कृषि) सुधारों की बात की थी, लेकिन कांग्रेस ने अब यू-टर्न ले लिया है।’’

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उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियां कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) को लेकर यह ‘भ्रम’ फैला रही हैं कि नये कानून के तहत इन्हें बंद कर दिया जाएगा और सरकार कृषि उत्पादों को खरीदना बंद कर देगी या न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बंद कर दिया जाएगा। जावडे़कर ने कहा, ‘‘यह सब झूठ है।’’

भाजपा सरकार के मंत्री ने आज यह भी कहा देश की 60 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र से जुड़ी है लेकिन देश के सकल घरेल उत्पाद (जीडीपी) में उनकी हिस्सेदारी महज 15 प्रतिशत है। ऐसे में उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ देश के बाहर भी उन्हें बाजार उपलब्ध कराने की जरूरत है ताकि उनके जीवनस्तर में सुधार हो सके।

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गौरतलब है कि संसद ने हाल में तीन विधेयकों- ‘कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2020’, ‘किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन’ अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक 2020 और ‘आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक-2020’ को पारित किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद तीनों कानून 27 सितंबर से प्रभावी हो गए।

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