आरयू ब्यूरो, लखनऊ/गोरखपुर। गोरखपुर दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि खेती में अत्याधुनिक तकनीकी का प्रयोग व प्राकृतिक खेती आज की आवश्यकता है। इसके लिए हमें गौ आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना होगा। प्राकृतिक खेती पूरी तरह से जीरो बजट होता है। इसके अच्छे परिणाम भी देखने को मिल रहें। किसान थोड़ी सी जागरूकता व सावधानी से प्राकृतिक खेती के जरिये कम लागत में अधिक उत्पादकता प्राप्त कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।
साथ ही परंपरागत खेती को आधुनिक तरीके से करने के साथ किसानों को बाजार की मांग और कृषि जलवायु क्षेत्र की अनुकूलता के आधार पर बागवानी, सब्जी व सह फसली खेती की ओर भी अग्रसर होना पड़ेगा जिससे वो कम लागत में ज्यादा फसल उत्पन्न करके अपने साथ समाज का भला कर सकते है।
सीएम ने सोमवार को महंत दिग्विजय नाथ पार्क में गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ व देवीपाटन मंडल की रबी उत्पादता समीक्षा गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि यूपी आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है। खेती-किसानी यहां की आमदनी का एक बड़ा जरिया है। देश की सबसे अच्छी उर्वर भूमि और सबसे अच्छा जल संसाधन उत्तर प्रदेश में है। यहां की भूमि की उर्वरता व जल संसाधन की ही देन है कि देश की कुल कृषि योग्य भूमि का 12 प्रतिशत हिस्सा होने के बावजूद देश के खाद्यान्न उत्पादन में अकेले उत्तर प्रदेश का योगदान 20 प्रतिशत का है।
समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में अनाज उत्पादन की क्षमता को तीन गुना तक बढ़ाए जाने की संभावना है। समय पर अच्ची गुणवत्ता का बीज तथा तकनीकी का प्रयोग करने से हमें कम लागत में अधिक उत्पादकता बढ़ाने में सफलता मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी यही मंशा है कि खेती की लागत को कम करते हुए उत्पादकता बढ़ाई जाए ताकि किसानों की आमदनी दोगुनी हो सके। इसके लिए व्यापक कार्यक्रम व अभियान भी चलाए जा रहा हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में भी किसानों ने दुनिया को निराश नहीं किया। सीएम ने कहा कि ढाई साल के कोरोना काल में सिर्फ कृषि सेक्टर की उत्पादकता बढ़ी। किसानों ने दुनिया को निराश नहीं होने दिया। खेतों में अन्न पैदा होता रहा तो गरीबों को मुफ्त में राशन लेने की दुनिया की सबसे बड़ी स्कीम अपने देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाई गई। देश में 80 करोड़ तथा उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ लोगों को प्रतिमाह मुफ्त में दो बार राशन दिया गया। सरकार ने भी किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने के साथ ही यह सुनिश्चित किया कि महामारी के चलते किसी के भी रोजगार पर असर न पड़े और न ही किसी को खाने के लाले पड़ें।
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21 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि पर मिली सिंचाई की सुविधा मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले पांच सालों में हर सेक्टर में कुछ न कुछ नया हुआ है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से पिछले पांच साल में प्रदेश में 21 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि पर सिंचाई की सुविधा मिली है। सरयू नहर परियोजना से पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौ जिलों में अतिरिक्त भूमि पर सिंचाई सुनिश्चित हुई है। हर जिले में व्यापक स्तर पर नलकूप की स्कीम चलाने के साथ सिंचाई की सुविधा को बढ़ाने के लिए पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को अपने खेतों में सोलर पंप लगाने की व्यवस्था की जा रही है।
सीएम योगी ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान भी सरकार ने सभी चीनी मिलों का संचालन किया। किसानों को 1.80 लाख करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया। एक बार फिर चीनी मिलों में पेराई सत्र प्रारंभ होने जा रहा है। सरकार ने पिपराइच व मुंडेरवा में चीनी मिलों को चलाकर गन्ना किसानों के हित में बड़ी पहल की है।