आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कुकरैल नाले के किनारे बसे अकबर नगर को लखनऊ के नक्शे से मिटाने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसर जोश में अपना पूरा जोर लगाएं हैं। इसी क्रम में रविवार को छुट्टी का दिन होने के बाद भी उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी समेत अधिकारियों की टीम ने भारी पुलिस व पीएसी बल के साथ अकबर नगर में ध्वस्तीकरण अभियान चलाया।
आशियाना व दुकानें जमीदोज करने की अधिकारियों की सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अप्रत्याशित तेजी देख पहले से ही आक्रोशित चल रही अकबर नगर की जनता का गुस्सा आज उस समय फूट पड़ा जब ध्वस्तीकरण के दौरान एक कॉमर्शियल बिल्डिंग के मलबे की चपेट में आने से कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हो गए और लोगों के दबने की अफवाह फैल गयी।
जिससे आक्रोशित हुई जनता ने पथराव करते हुए एलडीए के अफसरों के साथ ही पुलिस को भी न सिर्फ खदेड़ा, बल्कि उनके वाहन भी क्षतिग्रस्त कर दिए। जवाब में पुलिस ने भी पत्थर चलाते हुए स्थिति नियंत्रित कर लोगों को यकीन दिलाया कि मलबे में कोई भी नहीं दबा है। जिसके बाद भीड़ शांत हुई और एलडीए ने अपनी कार्रवाई समाप्त की।
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एलडीए अफसरों की टीम आज सुबह करीब दस बजे ही भारी पुलिस-पीएसी बल के साथ जेसीबी व पोकलैंड लेकर पहले से चिन्हित फर्नीचर के दो बहुमंजिला गोदाम समेत तीन अवैध कॉमर्शियल भवनों को गिराने पहुंची थीं। विरोध, पथराव व नारेबाजी के बीच शाम तक टीम ने तीनों भवनों को गिराने में सफलता हासिल कर ली थी। इन भवनों के मालिक सुप्रीम कोर्ट से केस हार चुके थे।
घरवालों को 31 मार्च तक का समय
वहीं आवासीय घरों को खाली करने की हाई कोर्ट ने 31 मार्च तक का समय निर्धारित किया है। मामले में सुप्रीम कोर्ट या सरकार का कोई हस्ताक्षेप नहीं हुआ तो 31 मार्च के बाद एलडीए अकबर नगर के घरों को भी जमीदोज करने के लिए अभियान चलाएगा।
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अवैध निर्माण हो रहा था तो कहां सोए थे अफसर, सिर्फ जनता पर कार्रवाई क्यों?
वहीं आज आक्रोशित जनता का यह भी कहना था कि वह लोग कई दशकों से अकबर नगर में रहने के साथ ही व्यापार कर रहें। आज एलडीए के अधिकारी दुश्मनों सा व्यवहार करते हुए भवनों को अवैध बताकर तोड़ने के लिए किसी भी स्तर तक जा रहें हैं, लेकिन जब अवैध कब्जे व निर्माण हो रहे थे तो एलडीए व नगर निगम के अफसर कहां सोए थे। जनता का यह भी आरोप था कि एक-एक बिल्डिंग बनवाने के लिए एलडीए व नगर निगम के अधिकारियों ने लाखों की अवैध वसूली की है। जब उनके घरों को अवैध बताकर ढहाया जा रहा तो अवैध कब्जे-निर्माण रोकने की जिन तत्कालीन अफसर-इंजीनियर पर जिम्मेदारी थीं, उनके खिलाफ आज ईमानदारी का दंभ भरने वाले अधिकारी क्यों नहीं कार्रवाई कर रहें हैं।
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सात परिवार को आवंटित किया प्रधानमंत्री आवास: इंद्रमणि
एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि हाई कोर्ट से जिन मामले में रिट खारिज की गयी थीं। उन्हीं तीन कॉमर्शियल भवनों को आज एलडीए ने गिराया है। आज मलबे से सात घरों के क्षतिग्रस्त होने की बात कही जा रही थीं, उन सात परिवारों को प्रधानमंत्री आवास आवंटित कर दिया गया है। कल यह लोग वहां कब्जा ले सकेंगे। वहीं आवासीय भवनों पर कार्रवाई की अफवाह फैलाने के बाद पत्थरबाजी हुई थी, लेकिन एलडीए लोगों को विस्थापित करने के बाद ही घरों पर हाई कोर्ट के आदेशानुसार 31 मार्च के बाद कोई कार्रवाई करेगा।
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वहीं डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी ने बताया कि अफवाह फैलने के बाद पथराव हुआ था। इसमें पुलिस समेत किसी के भी घायल होने की सूचना नहीं मिली है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया है। मौके पर शांति- व्यवस्था कायम है।