आरयू ब्यूरो, लखनऊ। एसीपी में गड़बड़ी व अन्य मांगों को लेकर सोमवार को बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियरों ने शक्ति भवन परिसर में प्रदर्शन व नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह बड़ा कदम उठाएंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी कारपोरेशन निगम प्रशासन की होगी।
प्रदर्शन के दौरान राज्य विद्युत परिषद जूनियर संगठन के अध्यक्ष जीबी पटेल ने मीडिया से कहा कि पावर कॉरपोरेशन द्वारा बीती सात व आठ जुलाई को जारी किए गए एसीपी निर्धारण व्यवस्था एवं सहायक अभियंताओं की वरिष्ठता निर्धारण का आदेश पूर्व के सेवा नियमों के विपरीत एवं प्रोन्नत अभियंताओं के साथ अन्याय व धोखा किया है।
अपनी समस्याएं बताते हुए इंजीनियर नेता ने कहा कि कार्मिक सेवा शर्तों एवं सेवा नियमावली से अलग वेतन कटौती के लिए किए गए एसीपी निर्धारण के सात जुलाई के आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए। राज्य विद्युत अभियंता सेवा नियमावली 1970 तथा कार्मिक जेष्ठता निर्धारण नियमावली 1998 में विद्वान व्यवस्था के विपरीत आठ जुलाई को जारी सहायक अभियंता पारस्परिक वरिष्ठता सूची को तत्काल निरस्त किया जाए।
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अवर अभियंता संवर्ग के वेतन दीर्घा में विद्यमान नॉनफंक्शनल ग्रेड वेतन रू 4800 के विलोपन का आदेश जारी किया जाए। पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड में 220 केवी,400 केवी एवं 765 केवी विद्युत उपकेंद्र का आउटसोर्सिंग किए जाने का निदेशक मंडल से लिया गया निर्णय तत्काल समाप्त किया जाए।
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केंद्रीय महासचिव जयप्रकाश ने संगठन की मांग एवं समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो संगठन किसी भी आंदोलन पर जाने को विवश होगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी कारपोरेशन निगम प्रशासन की होगी।
प्रदर्शन के दौरान संजीव वर्मा, एसएन पटेल, राम इकबाल, अनिल वर्मा समेत दर्जनों अन्य अभियंता मौजूद रहें।