कोच्चि-मंगलुरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन कर प्रधानमंत्री ने कहा, इसके जरिए दोनों राज्यों की अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

प्राकृतिक गैस पाइपलाइन
कार्यक्रम को संबोधित करते पीएम।

आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोच्चि-मंगलुरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए  प्रधानमंत्री ने कहा कि केरल-कर्नाटक के लोगों के लिए आज का दिन काफी अहम है। इस पाइपलाइन के जरिए दोनों राज्यों की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। ये इस बात का उदाहरण है कि विकास को प्राथमिकता देते हुए सभी मिलकर काम करें, तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं होगा।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज देश में वन नेशन-वन गैस ग्रिड पर काम हो रहा है, गैस इकॉनोमी खड़ा करना आज की जरूरत है। आज जिस पाइपलाइन की शुरुआत हो रही है, उससे दोनों राज्यों के लोगों की ईज ऑफ लिविंग को बढ़िया करेगी, साथ ही उद्योगों के खर्च में कटौती लाएगी। साथ ही मोदी बोले कि उज्ज्वला योजना जैसी स्कीम से देश में आठ करोड़ परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंचा। कोरोना काल में देश में रसोई गैस की किल्लत कभी नहीं हुई, हमने करीब 12 करोड़ मुफ्त सिलेंडर उपलब्ध कराए।

वहीं पीएम मोदी ने कहा कि पाइपलाइन के निर्माण के दौरान 12 लाख मानवीय घंटे का रोजगार बना।पाइपलाइन बनने के बाद भी अब रोजगार के क्षेत्र में फायदा मिलेगा। भारत क्लाइमेट चेंज को लेकर सबसे बेहतर काम कर रहा है, दुनिया ने भी इस बात को माना है। आज हिंदुस्तान डिजिटल, गैस, हाइवे, आईवे कनेक्टविटी पर जोर दिया जा रहा है।

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पीएम मोदी बोले कि पहली अंतरराज्यीय पाइपलाइन 1987 में कमीशन हुई थी, 2014 तक देश में 15 हजार किमी. नैचुरल पाइपलाइन बनी, लेकिन आज देश में 16 हजार किमी. पाइपलाइन पर काम चल रहा है, जो अगले पांच साल में पूरा हो जाएगा. पीएम मोदी बोले कि 2014 तक देश में सीएनजी स्टेशन की संख्या 900 तक ही थी, लेकिन पिछले छह साल में 1500 नए स्टेशन बने हैं। अब देश में सीएनजी स्टेशन की संख्या को दस हजार करने का लक्ष्य है।

जानकारी के मुताबिक, 450 किमी.ये पाइपलाइन एर्णाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कन्नूर और कासरगोड जिले से निकलेगी। इस परियोजना को पूरा करने में कुल तीन हजार करोड़ रुपये का खर्च आया है। ये पाइपलाइन जिन जिलों से गुजरेगी वहां व्यावसायिक और औद्योगिक इकाइयों को प्राकृतिक गैस की सुविधा मिल पाएगी. साथ ही स्वच्छ ईंधन के उपभोग से वायु प्रदूषण कम होगा, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार आएगा। इस पाइपलाइन का निर्माण गेल द्वारा किया गया है। इसके जरिए पीएनजी, सीएनजी सेक्टर को सीधा लाभ मिल सकेगा।